महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद बेटियों की सोच पर एक कविता

पापा! मुझे खड्ग धरा दो, इज्जत से मैं रह पाऊं। पड़े कुदृष्टि मुझ पर जिसका,

डॉ. आर.बी. दास की कविता : ये जमाना यूं ही चलता आया है

।।ये जमाना यूं ही चलता आया है।। डॉ. आर.बी. दास जब झूठ से काम निकल

डॉ. आर.बी. दास की कविता

सांप बेरोजगार हो गए, अब आदमी काटने लगे… कुत्ते क्या करे…?? जब तलबे आदमी चाटने

डॉ. आर.बी. दास की कविता : समय भूला नही बस मौन है

।।समय भूला नही बस मौन है।। डॉ. आर.बी. दास समय भूला नही बस मौन है,

डॉ. आर.बी. दास की कविता : भरोसा सोच समझ कर करना

।।भरोसा सोच समझ कर करना।। डॉ. आर.बी. दास  किसी की नादानी का फायदा उठाते हैं

डॉ. आर.बी. दास की कविता

उम्र से कोई लेना देना नहीं होता, जहां विचार मिलते हैं, वहां सच्ची दोस्ती होती

डॉ. आर.बी. दास की रचना

लोग डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं, मंजिल न मिले तो किस्मत को

डॉ. आर.बी. दास की कविता : वक्त नहीं लगता

।।वक्त नहीं लगता।। डॉ. आर.बी. दास घर बनाने में वक्त लगता है, पर मिटाने में

डॉ. आर.बी. दास की कविता : राही

।।राही।। डॉ. आर.बी. दास जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार तो कही तकरार

डॉ. आर.बी. दास की कविता

अंधों को अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उगते सूरज से भी कोई फर्क नहीं