ध्रुवदेव मिश्र पाषाण की कविता – अलविदा २०

अलविदा – २० ध्रुवदेव मिश्र पाषाण बे-औलाद-सा बंजर रावण-सा डरावना साल बीता रोता रहा वन-वन