उत्तराखण्ड की झांकी को मिला पहला स्थान

नयी दिल्ली:  गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से प्रस्तुत ‘मानसखण्ड’ झांकी काे सर्वश्रेष्ठ झांकी होने का सम्मान मिला है। उत्तराखंड की झांकी को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला है। प्रथम पुरस्कार से सम्मानित राज्य की झांकी ‘मानसखण्ड’ में 18 कलाकारों ने हिस्सा लिया और झांकी का थीम गीत ‘जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाल’ था। यह गीत कवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा जिसे सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। उत्तराखंड सूचना विभाग की सूचना के अनुसार यहां राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्य के सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी को यह पुरस्कार प्रदान किया।

इस मौके पर संयुक्त निदेशक एवं झांकी के नोडल अधिकारी के एस. चौहान भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मानसखण्ड झांकी से देश विदेश के लोगा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मलित कलाकारों को बधाई दी।

गौरतलब है कि श्रीकेदारनाथ तथा श्रीबदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए श्री धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम चल रहा है जिसमें कुमाऊ्र में स्थित दो दर्जन से अधिक मंदिरों को विकसित किया जाना है। इन मंदिरों में जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर,

मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचैड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब शामिल हैं।

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