टी20 विश्व कप : हार से सबक लेकर भारत को नये सिरे से शुरुआत करने की जरूरत

विनय कुमार, कोलकाता। ऑस्ट्रेलिया में हो रहे टी20 विश्व कप के प्रबल दावेदार माने जा रहे भारत को दक्षिण अफ्रीका से मिली हार से सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। ग्रुप 2 में भी वह अब भी शीर्ष दो में बना हुआ है। बावजूद इसके आगे आने वाले सभी मैचों में उसे बेहतर प्रदर्शन करना होगा। पर्थ में खेले गये मैच से पहले ही क्रिकेट के जानकारों ने इसे भारत की बैटिंग बनाम अफ्रीका की बॉलिंग करार दिया था। पर्थ की तेज व उछाल भरी पिच पर लहराती गेंदों ने भारतीय बल्लेबाजों की कलई खोल दी। इस मैच में भारत की बल्लेबाजी के अलावा कई कमजोर कड़िया उभरकर सामने आईं। पिछले 9 सालों से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने के लिए भारत को अपने इस कमजोर कड़ियों को दूर करना होगा।

सलामी बल्लेबाजों को बनाने होंगे रन – भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और कप्तान रोहित शर्मा की काबिलियत की कोई कमी नहीं हैं। यही वजह है कि दोनों की गिनती विश्व के शानदार बल्लेबाजों में होती है। टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है लेकिन विश्व कप जैसे बड़े मंच पर दोनों ने भारत को निराश किया है। सबसे ज्यादा निराश केएल राहुल ने किया है। तीन मौचों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। हर मैच में वे दबाव में दिखें। इससे उन्हें उबरना होगा और बड़ी पारी खेलनी होगी। वहीं, कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला भी खूब नहीं चल पाया। हालांकि नीदरलैंड के खिलाफ उन्होंने अर्धशतक जरूर जड़ा लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ उन्हें जिम्मेदारी भरी पारी खेलनी होगी।

कमजोर दिख रहा स्पिन अटैक – भारतीय टीम की मजबूत स्पिन अटैक ऑस्ट्रेलिया में कमजोर दिख रही है। टी20 विश्व कप के लिए अनुभवी रविचंद्रन अश्विन, कलात्मक यजुवेंद्र चहल और सटीक लाइन पर गेंदबाजी करने वाले अक्षर पटेल को भारती टीम में जगह मिली है। तीन मैचों में भारत ने इसमें से अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन को ही आजमाया है। बीच के ओवरों में स्पिन गेंदबाजों को रन पर अंकुश लगाने के साथ विकेट लेने की जिम्मेदारी होती है लेकिन दोनों ही प्रभाव छोड़ने में विफल रहें। स्पिन के दिग्गज व अनुभवी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ऑस्ट्रेलिया में साधारण दिखे। अक्षर पटेल भी कुछ खास नहीं कर पाये। टीम को आने वाले मैचों में जीत के लिए स्पिनरों को अच्छी गेंदबाजी करनी होगी।

क्षेत्ररक्षण के दौरान मैदान पर दिखानी होगी मुस्तौदी – दक्षिण अफ्रिका से मिली हार की बात करें तो भारत का खराब क्षेत्ररक्षण भी एक प्रमुख वजह रहा है। भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने भी माना कि मैच में खराब फिल्डिंग की वजह से मैच हाथ से निकल गया। उन्होंने कहा, “फ़ील्ड पर हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं था। हम इन हालात में खेले हैं ऐसे में पस्थितियों को लेकर बहाना नहीं बना सकते। हम मौके पकड़ नहीं पाए, हमने रनआउट के भी कुछ मौके गंवाए।”

यदि एडेन मारक्रम का वो कैच नहीं छूटा होता और रन आउट के दो मौके नहीं गंवाए होते तो परिणाम कुछ और होता। बता दें कि मारक्रम जब 35 रन पर थे तब विराट कोहली ने उनका आसान सा कैच छोड़ दिया था। उनके बाद उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाकर 52 रन बनाए और टीम को पांच विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वहीं, 18वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने जो डेविड मिलर को नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर रनआउट करने का मौका छोड़ा वो भी एक बड़ा कारण इस हार का रहा।

अर्शदीप और सूर्य से उम्मीदें बढ़ी- दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गये मैच में सबकुछ निराशाजनक ही नहीं रहा। कुछ अच्छी चीजे भी हुईं। सिडनी में अपनी बल्लेबाजी से चमक बिखेरने वाले सूर्य पर्थ में भी चमके। सूर्यकुमार यादव ने  बल्ले से दम पर दिखाते हुए 40 गेंदों में 68 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने छह चौके और तीन छक्के लगाए। मैच में भारतीय बल्लेबाजों के नाक में दम करने वाले एनगिडी की गेंद पर लगाया गया छक्का उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा। इसके साथ ही अर्शदीप सिंह ने मैच की शुरुआत में दो विकेट झटककर अफ्रीका को बैकफुट रक धकेल दिया था। इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ 3 और नीदरलैंड के खिलाफ दो विकेट लेकर अर्शदीप सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था।

वहीं  मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार ने भी गेंद से दम दिखाया। बता दें दक्षिण अफ्रीका ने इस जीत के बाद लगभग सेमीफाइनल के लिए अपनी राह मजबूत कर ली है। भारत 4 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर है। बात करें ग्रुप में अन्य टीमों कि तो बांग्लादेश तीसरे, जिम्बाब्वे चौथे, पाकिस्तान पांचवें और नीदरलैंड छठे स्थान पर है। विश्व कप में भारत को अब बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के खिलाफ क्रमश: 2 और 6 नवंबर को मुकाबले खेलने हैं।

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