तारकेश कुमार ओझा। सुंदरवन भारत के नक्शे का एक बड़ा हिस्सा है। यह प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर का घर है। सुंदरवन के घने जंगलों में बहुत से लोग अपनी आजीविका के लिए मछली, केकड़े, शहद, कीमा इकट्ठा करने के लिए जंगल जाते हैं। उनकी आय का एकमात्र स्रोत सुंदरवन के जंगल हैं और इस तरह कई लोग रोजी-रोटी की तलाश में जंगल में चले गए और बाघ के हमले से उनकी मौत हो गई। स्वयंसेवी संस्था स्वर्णदीप चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम चार वर्षों से सुंदरवन बाघ विधवा माताओं को “बाघ विधवा भत्ता” प्रदान कर रही है।
स्वर्णदीप ट्रस्ट ने इसी साल सुंदरवन सजनेखाली क्षेत्र में अपनी बाघ विधवा भत्ता योजना की शुरुआत की है। यह भत्ता हर महीने बैंक के माध्यम से दिया जाएगा। पदाधिकारियों के अनुसार स्वर्णदीप चैरिटेबल ट्रस्ट उन सभी परिवारों के लिए था, है और भविष्य में भी रहेगा, जिन्होंने दो मुट्ठी भोजन की तलाश में अपने रिश्तेदारों को खो दिया है। इस कार्यक्रम के तहत स्वर्णदीप टीम ने हर महिला को नए कपड़े दिए। साथ ही नैपकिन का वितरण किया। एक टका पाठशाला यूनिट-3 का उद्घाटन भरखली थाना के ओसी प्रदीप राय ने किया।
इस सहयोग को पाकर कई लोग खुशी से झूम उठे और स्वर्णदीप टीम को हाथ जोड़कर आशीर्वाद दिया। दिनभर के कार्यक्रम में ओसी प्रदीप राय, एसआई राजू मंडल, भिरखली थाने के सिपाही परिमल दास, श्रीकांत बधुक, झरना मंडल, शम्पा दास, सोमा दास मंडल अंजली हलधर, सुनीता मंडल, निरुपम मंडल, श्यामल दासगुप्ता, गौतम मंडल भवतोष मंडल, विश्वजीत वैद्य, पारितोष मंडल, रिया मंडल, सुजाता मंडल तथा अन्नपूर्णा मंडल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।