कोलकाता। आसनसोल में कंबल वितरण कार्यक्रम में भगदड़ के दौरान तीन लोगों की मौत के मामले में बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है और इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पुलिस ने शनिवार को हुई इस घटना में जितेंद्र तिवारी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग और आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर उसे नोएडा के यमुना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार किया था। उसी रात जितेंद्र तिवारी को आसनसोल ले जाया गया। आसनसोल कोर्ट ने उन्हें 8 दिन की पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र तिवारी मामले में नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। शीर्ष अदालत ने आसनसोल नगर निगम के दो पार्षदों गौरव गुप्ता और तेज प्रताप सिंह की संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जितेंद्र तिवारी के वकील पीएस पटवालिया ने शीर्ष अदालत में शिकायत की कि जितेंद्र तिवारी को राज्य पुलिस ने नोएडा एक्सप्रेसवे से ‘अपहरण’ कर लिया था। आरोप लगाया था कि जितेंद्र तिवारी को बिना कानूनी नियम माने गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पिछले नवंबर में कंबल बांटने की घटना में तीन लोगों की भगदड़ में मौत हो गई थी। इस मामले में आसनसोल पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था और जितेंद्र तिवारी और उनकी पत्नी चैताली तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। इन पर हत्या सहित कई मामले दर्ज किये गये थे। इसके खिलाफ शुभेंदु अधिकारी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने कलकत्ता हाई कोर्ट में केस किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले में शुभेंदु अधिकारी को रक्षाकवच दिया था लेकिन जितेंद्र तिवारी से पूछताछ की इजाजत दी थी।