नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकार के विज्ञापनों के बावजूद महीनों से लंबित सतर्कता आयुक्त और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने की गुहार वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ द्वारा दायर याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया। पीठ ने इस मामले में केंद्र से जवाब देने को कहा है, क्योंकि याचिका में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में लंबे समय से लंबित रिक्तियों को समय पर और पारदर्शी तरीके से भरने का आदेश देने की गुहार लगाई गई थी।
याचिका में कहा गया है कि कोई नियुक्ति नहीं की गई है। हालांकि, 2020 के अक्टूबर में रिक्ति की उम्मीद में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा 17 जुलाई 2020 को विज्ञापन जारी किया गया था।
इसी तरह से जून 2021 में होने वाली रिक्ति को देखते हुए डीओपीटी ने चार मई 2021 को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए, जिसमें आवेदन की अंतिम तिथि सात जून 2021 थी।
याचिकाकर्ता का दावा है कि इस विज्ञापन के अनुसार कोई नियुक्ति नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने 2011 में ‘सेंटर फॉर पीआईएल बनाम भारत सरकार’ के फैसले में सीवीसी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए थे।