कोलकाता। गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी आजाद हिंद फौज पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को अनुमति न दिए जाने के विवाद के बीच नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ ने आरोप लगाया कि नेताजी की विरासत का राजनीतिक कारणों से आंशिक तौर पर दुरुपयोग किया गया है। इस झांकी को अनुमति न देने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था और इस पर हैरत जताई थी। इस झांकी में रबींद्रनाथ टैगोर, ईश्वरचंद्र विद्यासाहर, स्वामी विवेकानंद, श्री अरबिंदो समेत बंगाल के अन्य महापुरुषों का उल्लेख भी किया गया था।
इसे लेकर जर्मनी में रहने वाली अनीता बोस फाफ ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्यों झांकी को शामिल नहीं किया गया। इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। हम यह कल्पना नहीं कर सकते कि उस साल जब मेरे पिता 125 वर्ष के हो गए होते, उनकी झांकी शामिल नहीं की जा रही है, यह बहुत अजीब है।’
उन्होंने कहा, पिछले साल जयंती वर्ष की शुरुआत कोलकाता के सभी स्थानों पर कहीं बड़े तरीके से की गई थी। इसका राज्य में चुनाव से कुछ लेना-देना जरूर था। यह तथ्य कि इस साल नेताजी के लिए ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है, निश्चित तौर पर बताता है कि ये मुद्दा इस साल उतना महत्वपूर्ण नहीं है।
इस सवाल पर कि क्या नेताजी की विरासत का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग किया जा रहा है, अनीता बोस ने कहा कि निश्चित तौर पर आंशिक रूप से ही सही लेकिन राजनीतिक कारणों से ऐसा किया गया है। हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि मैं इस मुद्दे पर किसी की भी आलोचना नहीं करना चाहती हूं।
अनीता बोस ने कहा कि राजनीति लोगों से मिलने और उनसे संपर्क करने के बारे में हैं। इसलिए अगर इस तरह का कार्यक्रम बड़ी संख्या में लोगों को छूता तो वह इसे करते। उधर, ममता बनर्जी ने केंद्र से इस फैसले पर फिर विचार करने की अपील करते हुए कहा है कि इससे बंगाल के लोगों को दुख होगा।