भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने लिया उत्कृष्ट साहित्यिक आनंद

कोलकाता। भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने विक्टोरिया हॉल में आयोजित टाटा कोलकाता लिटरेरी मीट 24 में देश विदेश के विभिन्न प्रसिद्ध साहित्यकारों की रचनाधर्मिता को सुनने का अवसर मिला। यह बहुत ही गौरव की बात रही कि भवानीपुर कॉलेज ने इस साहित्यिक कार्यक्रम में नोलेज पार्टनर के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। 23 जनवरी को कोलकाता लिटरेरी मीट 24 के बारहवें सत्र का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल माननीय डॉ. सी.वी. आनंद बोस जी ने किया। यह लिटरेरी मीट 23 जनवरी से 27 जनवरी तक चला। जिसमें देश विदेश के कई साहित्यकारों का साक्षात्कार हुआ। प्रथम सत्र में सन-एट-लुमियरे विक्टोरिया हॉल के प्रांगण में साहित्यकार अब्दुल रज्जाक गुरनाह से बातचीत करने के लिए नीलांजना एस. राय रहीं। रज्जाक ने अपने वक्तव्य में अपने रचनात्मक कार्यों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।

वहीं दूसरे सत्र 23 जनवरी, विक्टोरिया मेमोरियल के हॉल सन-एट-लुमियरे में बहुभाषावाद का उपहार विषय पर सुधा मूर्ति ने बताया कि कैसे कन्नड़, अंग्रेजी और अन्य साहित्यिक परंपराओं ने उनके लेखन को आकार दिया है। मालविका बनर्जी से बातचीत के दौरान सुधा जी ने अपनी रचनात्मक यात्रा की रूपरेखा रखी। भवानीपुर कॉलेज की प्रमुख प्रतिनिधि शिवानी मिराज डी शाह ने सुधा मूर्ति जी के साथ कॉलेज मोमेंटो के साथ समूह फोटो खिंचवाई। इस अवसर पर शिक्षिकाओं में प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी, डॉ. वसुंधरा मिश्र, प्रो. चंपा श्रीनिवासन और प्रो. समीक्षा खंडूरी की उपस्थिति रही।

प्रसिद्ध कथाकार सुधा मूर्ति जी से बातचीत कर रहीं थीं मालविका बनर्जी। सुधा मूर्ति ने बच्चों और बड़ों से संबंधित व्यवहारिक रूप से जीवन को कैसे देखती हैं, इस विषय पर विस्तार से बताया। भवानीपुर कॉलेज के विद्यार्थियों ने उनसे प्रश्न भी पूछे। सुधा मूर्ति की कई पुस्तकें भी खरीदी। राज्यपाल माननीय सी.वी. आनंद बोस ने अपनी पुस्तक चेखव एंड हिज बॉयज, सायलेंस साउंड्स गुड आदि कई पुस्तकें निःशुल्क रखी, जिसे विद्यार्थियों ने ली। 24 जनवरी को इरफान, तिग्मांशु धूलिया, तिलोत्तमा शोम और शुभ्रा गुप्ता ने इरफान के जादू और उनकी चिरस्थायी विरासत पर चर्चा की। शहाना चटर्जी से बातचीत के दौरान अपने विचार व्यक्त किए।

25 जनवरी को द बॉय इन द स्ट्राइप्ड पजामा : जॉन बॉयने बताते हैं कि बच्चों की यह पीढ़ी उपन्यास से कैसे जुड़ी है। यह बातचीत बिजल वछाराजानी (जेकेएलएम) के साथ रही। जर्नी टू इंडिया मॉडर्न विषय पर संदीप रॉय के साथ बातचीत में रहे तरुण ताहिलियानी। एक और तरह की आज़ादी विषय पर गुरुचरण दास ने माइली अश्वर्या के साथ अपने संस्मरणों पर चर्चा की।

इन सभी साहित्य सत्रों के साहित्यकारों के महापर्व में भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के मैनेजमेंट ने नोलेज पार्टनर बनकर साहित्य के क्षेत्र में विद्यार्थियों को साहित्य के प्रति रुचि और लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन और संयोजन किया उपाध्यक्ष मिराज डी शाह, रेक्टर और डीन प्रो. दिलीप शाह, प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो. समीक्षा खंडूरी, प्रो. चंपा श्रीनिवासन, प्रो. विनीता शर्मा, डॉ. वसुंधरा मिश्र ने। विद्यार्थियों में कशिश साह, उज्जवल करमचंदानी, अभिषेक शॉ, प्रियंका बरडिया, श्रेयांस कुमार, अनिकेत दासगुप्ता, देवांग नागर, अर्पिता बिस्वास, मौलिंदु मिश्र, जुगल कैलोया, समृद्धि नंदी आदि विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। जानकारी दी डॉ. वसुंधरा मिश्र ने।

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