भारत अमेरिका की घनिष्ट साझेदारी की मजबूत प्रतिबद्धता

भारत अमेरिका शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में सामरिक प्रौद्योगिक साझेदारी को प्रगाढ़ करेगी
पीएम की 22 जून 2023 की अमेरिका यात्रा एवं उनके सम्मान में वाइट हाउस की तरफ से राजकीय रात्रि भोज मील का पत्थर साबित होगा – एडवोकेट किशन भावनानी

किशन सनमुखदास, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तरपर आज तेजी से हाईटेक हो रहे भारत की तकनीकों, रणनीतियों, आत्मनिर्भर भारत और विज़न 2047 को देखकर दुनियां हैरान है। क्योंकि दिनांक 10 मई 2023 को यही केंद्रीय परिवहन मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा हम ऑटो सेक्टर में अभी विश्वमें नंबर 4 से 3 पर आए हैं और अगले 5 वर्षों में नंबर एक पर होंगे। वहीं इलेक्ट्रॉनिक राजमार्ग की ओर कदम बढ़ गएहैं। इलेक्ट्रॉनिक रोड और हाईवे बनाएं जा रहें हैं। करीब-करीब हर क्षेत्र में नए-नए इंफ्रास्ट्रक्चर रिप्लेस किए जा रहे हैं। इस आधुनिक इंस्ट्रक्चर पर 10 मई 2023 को ही राजस्थान में पीएम ने एक सभा में कहा यह ज़रूरी है सोच को सकारात्मकता में लाना होगा, आटा पहले या डाटा पहले, सड़क पहले या सैटेलाइट पहले, कह कर नकारात्मकता पर तंज कसा। लद गए अब वो दिन! आज डिजिटल भारत दुनियां में दम रखता है! रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान पर भारत की ओर संकटमोचक उपाधि की नजरों से देखा जा रहा है।

कई देश फ्री ट्रेड झोन की बात, तो अति विकसित देशों से घनिष्ठ साजिदारी की मज़बूत प्रतिबद्धता हो रही है। इसी कड़ी में हमारे पीएम 22 जून 2023 को अमेरिका जा रहे हैं जहां शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में सामरिक प्रौद्योगिक साझेदारी को प्रगाढ़ किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे पीएम के सम्मान में राष्ट्रपति जो बिडेन ने राजकीय रात्रि भोज रखा है जिसके केंद्रबिंदु हमारे पीएम होंगे, जो हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। इसके अलावा दुनियां का हर देश आज भारत को हसरत भरी नजरों से देख रहा है कि हमारी भारत के साथ ऐसी ही प्रगाढ़ साजिदारी हर क्षेत्र में हो जिससे भारत के हाईटेक होने का लाभ मिले, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे – भारत अमेरिका की घनिष्ठ रिश्तेदारी की मज़बूत प्रतिबद्धता।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम हमारे पीएम के अमेरिका यात्रा की करें तो, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने एक बयान जारी करके यात्रा की घोषणा की है बयान में कहा गया, आगामी यात्रा अमेरिका तथा भारत के बीच गहरी एवं नजदीकी साझेदारी को और बढ़ाएगी, साथ ही अमेरिकियों और भारतीयों को जोड़ने वाले गर्मजोशी भरे संबंधों को भी मजबूत करेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए हमारे पीएम की मेजबानी करेंगे, जिसमें 22 जून, 2023 को राजकीय रात्रिभोज शामिल होगा। प्रेस सचिव ने कहा कि पीएम की यात्रा दोनों देशों के स्वतंत्र, मुक्त, समृद्ध तथा सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा प्रतिबद्धता तथा रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा तथा अंतरिक्ष आदि में सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के संकल्प को और प्रगाढ़ करेगी।

उन्होंने कहा कि दोनों नेता शिक्षा के क्षेत्र तथा लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा ट्वीट कर इसकी पुष्टि की और कहा पीएम संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जाएंगे, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला के निमंत्रण पर पीएम राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगें। व्हाइट हाउस ने कहा,आगामी यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच गहरी और करीबी साझेदारी और परिवार और दोस्ती के वॉर्म बॉन्‍ड की पुष्टि करेगी जो अमेरिकियों और भारतीयों को एक साथ जोड़ती है।

विदेश मंत्रालय द्वारा ट्वीट कर इसकी पुष्टि की मोदी-बाइडन के बीच शिक्षा से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। वाइट हाउस के बयान में कहा गया यात्रा मुक्त, खुले, समृद्ध और सुरक्षित भारत-प्रशांतक्षेत्र के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दोहराएगी। इससे रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित हमारी रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के हमारे साझा संकल्प को मजबूती मिलेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात के दौरान दोनों नेता हमारे शैक्षिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन से लेकर कार्यबल विकास और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

साथियों बात अगर हम भारत अमेरिका की घनिष्ट साझेदारी में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की करें तो भारत इसमें बहुत आगे निकल चुका है। वैश्विक स्तरपर किसी भी देश की आर्थिक सुदृढ़ता का पैमाना उसकी अर्थव्यवस्था से लगाया जा सकता है हालांकि अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों में उसके मानकों के आधार पर उसका आकलन किया जाता है।अर्थशास्त्र में मुख्यतः तीन प्रकार की अर्थव्यवस्थाएं पढ़ाई जाती हैं- प्राइमरी सेक्टर (कृषि आधारित), सेकंडरी सेक्टर (उद्योगआधारित) तथा इन दोनों को मानव संसाधन द्वारा संचालित करने वाली सर्विस सेक्टर इकॉनमी।

विगत दो दशकों से भी कम समय में उभरने वाला नवीनतम क्षेत्र है- ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था। चूंकि आज हम ज्ञानआधारित अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं इसीलिए यहां यह रेखांकित करना जरूरी है कि मानव बुद्धिजीवी आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन है और हमारा भारत देश एक युवा राष्ट्र है 21वीं सदी में भारत की युवा जनसांख्यिकीय उसकी सबसे बड़ी ताकत है और हमारी वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को तीव्रता से गति देने के गुण समाहित हैं। सबसे बड़ी बात हमारे पीएम का भी ग्रीन प्रोजेक्ट 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का है।

साथियों बात अगर हम सूचना प्रौद्योगिकी की करें तोबेंगलुरु और हैदराबाद जैसे महानगर सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्र बन चुके हैं जहाँ ज्ञान आधारित सेवायें (कंसल्टेंसी इत्यादि) ऑनलाइन प्रदान की जाती हैं। विभिन्न विषयों पर पुस्तकें और शोध आधारित जर्नल प्रकाशित करने वाली संस्थाएं और प्रकाशन कम्पनियाँ ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का ही अंग हैं। ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में ज्ञान एक उत्पाद के रूप में खरीदा और बेचा जाता है। इसलिए हमको भी ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में समुचित निवेश करने की आवश्यकता है और कई स्तर पर रणनीतियाँ बनानी अनिवार्य हैं ताकि ज्ञान के क्षेत्र में मौलिकता का सृजन हो। भारत को एक सुदृढ़ ज्ञान आधारित व्यवस्था बनाने के लिए स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर भिन्न रणनीतियाँ अपनाने की आवश्यकता है।

अतः अगर हम उपरोक्त प्रकरण का अध्ययन कर उसकाविश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत अमेरिका की घनिष्ट साझेदारी की मजबूत प्रतिबद्धता।भारत अमेरिका शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष आदि क्षेत्रों में सामरिक प्रौद्योगिक साझेदारी को प्रगाढ़ करेगी।पीएम की 22 जून 2023 की अमेरिका यात्रा एवं उनके सम्मान में वाइट हाउस की तरफ से राजकीय रात्रि भोज मील का पत्थर साबित होगा।

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