बीरभूम, तारापीठ। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का प्रदेश प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को तारापीठ मंदिर में पूजा पाठ के बाद शुरू हो गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह विशेष प्रशिक्षण बेहद खास है। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में 18 सीटें जीती थीं। उसके बाद 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद इस प्रदर्शन को दोहराना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही राज्य नेतृत्व को कम से कम 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय मंत्रियों और केंद्रीय स्तर के नेताओं ने सुकांत मजूमदार, शुभेंदु अधिकारी पर पूरी तरह भरोसा करने के बजाय राज्य की कमान संभाली है। पिछले लोकसभा चुनाव में हारी सीटों पर शाह के अलावा पार्टी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तैयारी की जिम्मेदारी ली है। अखिल भारतीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष भी इस बार हैं। सबसे पहले वह प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उसके बाद वह बीरभूम में तारापीठ जाएंगे।
3 दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में छह माह पूर्व भाजपा ने राज्य की 24 हारी हुई विधानसभा सीटों के संगठन को मजबूत करने के लिए 24 पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘विस्तारक’ नियुक्त किया था। लंबी चयन प्रक्रिया के बाद उन 24 को पटना भेजा गया है। पूरे देश में वहां प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस बार भी इसी तरह यहां की स्थिति के अनुसार काम करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। संगठन का आंतरिक मामला होने के नाते प्रदेश भाजपा ने आधिकारिक रूप से यह घोषणा नहीं करने का फैसला किया है कि कौन आ रहा है। बरहाल सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस प्रशिक्षण बैठक में खासतौर पर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर ही रणनीति बनेगी।