कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी ने मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से राज्य सचिवालय नवान्न में मुलाकात की। इसके साथ ही उनके टीएमसी में वापसी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। संभवत: 21 जुलाई को होने वाली शहीद सभा में दोनों के तृणमूल में लौटने की संभावना है। अपनी महिला मित्र वैशाखी बनर्जी के साथ सचिवालय पहुंचे शोभन ने अपने अगले कदम के बारे में पत्रकारों के सवालों का सीधा जवाब देने से परहेज किया। एक घंटे की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ममता दी जो भी फैसला लेंगी, मैं उसका पालन करूंगा। मैं उनके निर्देशों पर चलूंगा। मैं अपने व्यक्तिगत फैसले खुद लेता हूं, लेकिन मेरे राजनीतिक फैसले ममता दीदी ही लेती हैं।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वैशाखी ने कहा कि ममता बनर्जी और शोभन चटर्जी के बीच मतभेदों को सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि शोभन के भाजपा छोडऩे के बाद, कई लोगों ने कहा था कि उनकी राजनीतिक मृत्यु हो गई है। लेकिन उन्हें अभी भी राजनीति में बहुत कुछ करना है। शोभन चटर्जी और उनकी मित्र वैशाखी दोनों ने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था। दोनों 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि केवल दो साल बाद उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया था।
दूसरी ओर शोभन चटर्जी के ससुर और तृणमूल विधायक दुलाल दास ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। शोभन अपनी विधायक पत्नी रत्ना चटर्जी से अलग हो गए हैं। वे प्रो. वैशाखी के साथ रह रहे हैं। दुलाल दास ने अपने दामाद के पार्टी में लौटने की संभावनाओं पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पार्टी की सब कुछ हैं। वे चाहे कुछ भी कर सकती हैं। वैशाखी ने भी रत्ना चटर्जी के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
वैशाखी ने कहा कि शोभन और ममता दीदी के पुराने संबंध हैं। बीच में दोनों के बीच अभिमान की दीवार खड़ी हो गई थी, लेकिन अब वो ढह गई है। मैं चाहती हूं कि शोभन फिर से राजनीति में आएं। अब दीदी के आदेश का इंतजार है। जब उनसे पूछा गया कि शोभन कब तृणमूल में शामिल होंगे और क्या ममता ने उन्हें मंत्री बनाने को कहा है। जवाब में वैशाखी ने कहा कि मैं अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहूंगी।