Special Story : कलात्मक पेंटिंग व स्केच के हुनर से शुभम ने बनाई अलग पहचान

Kolkata Desk : राज कुमार गुप्त, हावड़ा। कला भी ईश्वरीय देन होती है और कुछ बच्चों में तो यह गुण जन्मजात होती है, अगर उनकी प्रतिभा को अभिभावक बचपन से ही ध्यान दे कर निखारे तो फिर क्या कहने! आइए आज आपको एक ऐसे ही पंद्रह वर्षीय किशोर से मिलवाते हैं जो इतनी कम उम्र में ही दिनोदिन अपनी कला को निखार रहा है। इसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के साथ अद्धभुत एवं आकर्षक कलाकृतियां बनाकर अपने चित्रकारी के जलवे अपने स्कूल समेत आसपास भी बिखेर रहा है।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के निवासी रंजीत गुप्ता और पूजा गुप्ता का पुत्र है शुभम, जिसकी उम्र मात्र 15 वर्ष है परंतु अपने चित्रकारी कला का हुनर ऐसे प्रस्तुत कर रहा है मानो कोई मंजा हुआ कलाकार हो।

शुभम हावड़ा शहर के प्रतिष्ठित ‘सेंट थामस चर्च स्कूल’ के नौवीं कक्षा का छात्र है और पढ़ाई में भी अव्वल है। शुभम ने बचपन से ही अपनी चित्रकारी कला का अभ्यास इतने अच्छे ढंग से करता आ रहा है कि आज उसकी बनाई हुई पेंटिंग्स खासकर पेंसिल स्केच को देखकर लोग दंग रह जाते हैं।

शुभम अपनी बनाई हुई अनेकों प्रकार की पेंटिंग्स और स्केच द्वारा अपने चित्रकारी के जलवे बिखेर रहा है। उसे स्कूल समेत कई संस्थाओं से पुरस्कृत किया जा चुका है।

शुभम ने बताया कि उसके स्व. दादा जी की भी पेंटिंग्स में अच्छी खासी रुचि थी अतः कह सकते हैं कि यह कला उसे भी विरासत में मिली है। उसे बचपन से ही चित्रकारी के प्रति आकर्षण रहा है। बचपन में शुभम आड़े-टेढ़े कलाकारी करते हुए आज अपने उम्र के लिहाज से चित्रकारी में ज्यादा ही परिपक्व होता जा रहा है।

अपनी पेंटिंग्स पर शुभम ने बताया कि उसे सभी तरह के पेंटिंग बनाना पसंद है परंतु पेंसिल स्केच बनाना उसे कुछ ज्यादा ही पसंद है। शुभम ने ये भी बताया कि पेंटिंग का बेसिक नॉलेज तो उसने अपने स्कूल के ड्राइंग सर से पाया, फिर निजी तौर पर घर आने वाले ड्राइंग सर से भी सीख रहा है तथा स्केच वह यूट्यूब देख कर खुद कोशिश करता है। साथ ही माता-पिता और परिवार का प्रोत्साहन भी उसे मिलता रहता है।

कोलकाता हिंदी न्यूज ऐसे सभी प्रतिभाशाली बच्चों को प्रोत्साहित करता है और इनके उज्वल और स्वर्णिम भविष्य की कामना करता है।

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