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वैश्विक तीसरा समुद्री शिखर सम्मेलन 17-19 अक्टूबर 2023 पर विशेष

भारत दुनियां भर की समुद्री इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है, इसका इतिहास साक्षी है
वैश्विक समुद्री शिखर सम्मेलन में व्यापक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व, भारत को दुनियां की तीसरी अर्थव्यवस्था शीघ्र बनने को प्रतिबिंबित करता है – एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर जब कोविड महामारी से उभरते हुए पूरी दुनियां की खस्ता अर्थव्यवस्था मंदी की के साए में घिरी हुई थी, तब भारत अपनी कौशलता, बौद्धिक क्षमता व नेतृत्व के बल पर वैक्सीन बनाकर पूरी दुनियां के करीब 150 देश को कोरोना वैक्सीन आपूर्ति कर रहा था और अर्थनीति के बल पर ब्रिटिश की अर्थव्यवस्था को पछाड़ कर पांचवी अर्थव्यवस्था बनकर खड़ा हो गया था और लगातार यह क्रम जारी रहा। अपने सभी कार्य क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की ओर चल पड़ा था और इसका नतीजा यह हुआ कि भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनने के क्रम में प्रतिबिंब होने की कगार पर खड़ा है जिसमें, अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ समुद्री इंडस्ट्री की भी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना जरूरी है। क्योंकि इसके मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर लॉजिस्टिक लगता को कम किया गया है, जिससे आयात निर्यात डिस्ट्रीब्यूशन में अधिक सहायता मिली है।

इसी के साथ-साथ सागर माला, काला सागर, लाल सागर सहित तटीय परियोजनाओं से समुद्री उद्योग को विशालता प्रदान करने में सहायता मिली। समुद्र आधारित उद्योग सागरों और महासागरों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं। इस प्रकार आप ऐसे समझे की जिस उद्योग के लिए समुद्र या सागर से कच्चा माल आता है, उसे समुद्र आधारित उद्योग कहते हैं। इसके मुख्य उदाहरणों की बात करें तो इनमे – समुद्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और मत्स्य तेल निर्माण इसके मुख्य उदाहरण हैं। चूंकि वैश्विक तीसरा समुद्री शिखर सम्मेलन भारत मुंबई में 17-19 अक्टूबर 2023 से शुरू है। जिसका उद्घाटन 17 अक्टूबर 2023 को हमारे माननीय पीएम द्वारा किया गया है, इसलिए आज हम मीडिया पीआईबीमें उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। वैश्विक समुद्री शिखर सम्मेलन में व्यापक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व से भारत दुनियां की तीसरी अर्थव्यवस्था शीघ्र बनने को प्रतिबंधित करता है।

साथियों बात अगर हम वैश्विक समुद्री शिखर सम्मेलन 17-19 अक्टूबर 2023 को समझने की करें तो, यह शिखर सम्मेलन देश का सबसे बड़ा समुद्री कार्यक्रम है और इसमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) के देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनियां भर से मंत्री भाग लिए है। शिखर सम्मेलन में दुनियां भर से सीईओ, व्यापारिक हस्तियां निवेशक, अधिकारी और अन्य हितधारक भी भाग लिए हैं। इसके अलावा, शिखर सम्मेलन में कई भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व भी मंत्रियों और अन्य गणमान्य हस्तियों द्वारा किया गया है। इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में समुद्री क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें भविष्य के बंदरगाहों; डीकार्बोनाइजेशन; तटीय शिपिंग और अंतर्देशीय जल परिवहन; जहाज निर्माण; मरम्मत और पुनर्चक्रण; वित्त, बीमा और मध्यस्थता; समुद्री समूह; नवाचार एवं प्रौद्योगिकी; समुद्री सुरक्षा और संरक्षा; और समुद्री पर्यटन शामिल हैं। यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है। पहला मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2016 में मुंबई में आयोजित किया गया था जबकि दूसरा समुद्री शिखर सम्मेलन वर्चुअल तरीके से 2021 में आयोजित किया गया था।

साथियों बात अगर हम शिखर सम्मेलन के 17 अक्टूबर में 2023 का उद्घाटन सत्र में माननीय पीएम के संबोधन की करें तो उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि भारत की मैरीटाइम क्षमता मजबूत रही है। देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है। इसी सोच के साथ बीते नौ वर्षों से इस सेक्टर को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मैरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है। जी-20 समिट के दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है। सैकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये दुनिया के कईं देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा।

उन्होंने कहा कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला परियोजना से भी हमारे तटीय क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार सृजन और इज ऑफ लिविंग को कईं गुना बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। मैरीटाइम टूरिज्म को बढ़ाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी रिवर क्रूज सर्विस की शुरुआत भी की है।

भारत अपने अलग-अलग बंदरगाहों पर इससे जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। हर धरती का माध्यम होगी नीली अर्थव्यवस्था नौ वर्षों से मैरिटाइम सेक्टर को साक्षात करने के लिए हो रहा है। काम अगले 25 वर्ष में विकसित भारत के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध। जल्द टॉप 10 और आर्थिक शक्तियों में से एक होगा भारत। प्रत्येक क्षेत्र में ले जा रहे हैं क्रांतिकारी परिवर्तन, बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया की नई उम्मीद भारत है। समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह का डिवीजन हमारा मंत्र है। मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड सरकार का आवेदन जमीन स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। भारत वैश्विक क्रम केंद्र बनने की और अग्रसर निवेशकों के लिए विकास जनसंख्या की मांग का संयोजन अच्छा अवसर है।

साथियों बात अगर हम केंद्रीय मंत्री के संबोधन की करें तो उन्होंने कहा कि 50 से अधिक देश भाग लिएं हैं और उम्मीद है कि लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा उन्हें लगता है कि बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र में यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री विभिन्न चर्चाओं में इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इनके अलावा, विभिन्न देशों की प्रमुख समुद्री कंपनियों के सीईओ भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कुछ ही समय में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और इस दिशा को आगे बढ़ाने के लिए हमारा तीन दिवसीय वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन आज से मुंबई में शुरू हो रहा है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे वर्णन का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि वैश्विक तीसरा समुद्री शिखर सम्मेलन 17 -19 अक्टूबर 2023 पर विशेष। भारत दुनियां भर की समुद्री इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है, इसका इतिहास साक्षी है। वैश्विक समुद्री शिखर सम्मेलन में व्यापक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व,भारत को दुनियां की तीसरी अर्थव्यवस्था शीघ्र बनने को प्रतिबिंबित करता है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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