जलपाईगुड़ी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “होम्योपैथिक दवा” दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा प्रणाली है।
जिला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (आयुष विभाग) ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित 10 से 16 अप्रैल तक विशेष होम्योपैथी जागरूकता शिविर का आयोजन किया। यह चिकित्सा वैज्ञानिक, कोई दुष्प्रभाव नहीं, सरल उपचार, और आसानी से उपलब्ध सभी आयु समूहों के लिए उपयुक्त माना जाता है। अतः होम्योपैथी को आम लोगों की चिकित्सा पद्धति में फैलाने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित की गई है। शिविर में जिले के विभिन्न हिस्सों के होम्योपैथी चिकित्सकों ने भाग लिया और समीक्षा की कि होम्योपैथी उपचार प्रणाली को आज भी क्या आगे बढ़ाया जा सकता है।
बताया जाता है कि यह जागरूकता शिविर 10 अप्रैल से शुरू होकर 16 अप्रैल तक चलेगा और इन कुछ दिनों में विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। होम्योपैथी उपचार के लाभों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. असीम हलदर, उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी-1 डॉ. त्रिदीप दास, जिला आयुष अधिकारी डॉ. कल्याण कुमार मुखोपाध्याय सहित जलपाईगुड़ी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य; डीन, जलपाईगुड़ी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आदि उपस्थित थे।
सभी ने होम्योपैथी उपचार और उनके दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले परिणामों में विश्वास जताया। बताया जा रहा है कि शहर के डांगापाड़ा में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार द्वारा चिन्हित और निरीक्षण की गई जमीन लंबे समय से पड़ी होने को लेकर जिले के आम लोगों में खासा रोष है। हालांकि अगर इस कॉलेज की योजना पर अमल होता है तो यह उत्तर बंगाल का पहला होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज होगा।