इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में राम नवमी को हुए हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को बावड़ी (कुएं) से 14 लोगों के शव निकाले गए थे। गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह तक 20 और लोगों के शव निकाले गए हैं। सुनील सोलंकी नाम के एक व्यक्ति की तलाश जारी है। राहत और बचाव अभियान अब भी जारी है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ के 140 बचावकर्मी जुटे हैं। सेना भी मौक़े पर मौजूद है और लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
गुरुवार देर शाम तक बावड़ी से 18 लोगों को बचाया भी गया है। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बचाव कार्य में एक दिक़्क़त ये भी आ रही है कि जिस बावड़ी की छत ढही और लोग उसमें जाकर गिरे, उसका पानी पहले निकालना पड़ता है। मगर कुछ घंटों में ये पानी फिर से भरने लगता है।
एक चश्मदीद ने बताया कि हादसा इतनी तेज़ी से हुआ कि संभलने का मौक़ा तक नहीं मिला। रामनवमी के मौके पर इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में एक बावड़ी की छत ढह गई थी। राम नवमी के कारण मंदिर में भीड़ थी। जिस बावड़ी को सीमेंट की स्लैब से ढका गया था, उस पर हवन कुंड बना दिया गया था।
हादसे के वक़्त इसी स्लैब पर बने हवन कुंड के पास लोग बैठे हुए थे। तभी छत गिरी और उसमें बैठे लोग बावड़ी में चले गए। स्थानीय पत्रकार के मुताबिक, साल भर पहले स्थानीय लोगों ने मंदिर में हुए निर्माण कार्य की शिकायत की थी, जिसके बाद नगर निगम ने मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी किया था लेकिन मंदिर ट्रस्ट ने आरोप लगाया था कि धार्मिक भावनाएं आहत की जा रही हैं।