व्हील चेयर पर बैठकर अपूर्व सामंत रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों का कर रहे इलाज

सिलीगुड़ी। खुद व्हील चेयर पर बैठकर भी लोगों में जिंदगी की उम्मीद जगाई जा सकती है, यह अपूर्व सामंत सच कर दिखा रहे हैं। पिछले 3 महीने से वह लोकनाथ न्यूरो स्पाइनल रिहैबिलिटेशन सेंटर से जुड़कर उत्तरबंगाल में रीढ़ की हड्डी में चोट से परेशान लोगों को नई जिंदगी दे रहे हैं। सिलीगुड़ी के दार्जिलिंग मोड़ संलग्न दागापुर लोकनाथ मंदिर परिसर में बाबा लोकनाथ न्यूरो स्पाइनल रिहैबिलिटेशन सेंटर पूरे उत्तर बंगाल में अपनी तरह का एक मात्र रिहैबिलिटेशन सेंटर है। जहां रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों का इलाज किया जाता है।

मेदिनीपुर निवासी इस स्पाइनल रिहैबिलिटेशन सेंटर के व्हीलचेयर ट्रेनर अपूर्व सामंत से खास बातचीत में पता चला है कि करीब छह साल पहले 2017 में एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी। वह दो साल तक अपने घर तक ही सीमित रहे। उसके बाद, उन्होंने ओडिशा के एक व्यायाम केंद्र जाकर अपना इलाज करवाया व खुद को व्हीलचेयर ट्रेनर के रूप में तैयार किया। वह आज भी व्हील चेयर पर हैं और अब वह लोकनाथ न्यूरो स्पाइनल रिहैबिलिटेशन सेंटर में व्हील चेयर ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं।

इस सेंटर में 10 से 12 लोगों का इलाज चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर बंगाल में ऐसे और भी रिहैब सेंटर होने चाहिए। उत्तर बंगाल में ऐसे रिहैब सेंटर बन जाते हैं तो ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को दूसरे राज्यों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस रिहैब सेंटर के माध्यम से रीढ़ की हड्डी में परेशानी से चलने फिरने में लाचार लोगों को नई राह दिखायी जाती है।

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