कोलकाता 30 नवंबर 2023: सिस्टेमा.बायो, एक विश्व स्तरीय सामाजिक उद्यम जो अपनी आधुनिक नवीन बायोगैस तकनीक के लिए जाना जाता है, ने पूर्वी भारत की सबसे प्रगतिशील डेयरी सुधा डेयरी, बरौनी के सहयोग से एनडीडीबी मृदा लिमिटेड के माध्यम से “गोबर से समृद्धि” कार्यक्रम के अंतर्गत एक नए बायोगैस कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार के बेगुसराय, खगड़िया और लखीसराय जिलों में बायोगैस संयंत्र स्थापित करना है।
उद्घाटन समारोह में माननीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक श्री एसआर मिश्रा और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह की उपस्थिति में प्रतिष्ठित सरकारी अधिकारी और स्थानीय किसानों की भागीदारी देखी गई।
विजय शंकर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विधान पार्षद सर्वेश कुमार, ग्रामीण विकास निदेशक संजय कुमार, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार, विधायक सुरेंद्र मेहता और राम रतन सिंह, खगड़िया जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव की उपस्थिति रही।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का किसानों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के हमारे प्रयासों में हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के बायोगैस कार्यक्रमों को लागू करके हम सफलतापूर्वक 1.25 लाख टन रासायनिक उर्वरकों को 50 हजार टन बायो स्लरी से बदल देंगे, इस प्रकार एक अधिक टिकाऊ कृषि भविष्य को बढ़ावा मिलेगा।”
सिस्टेमा.बायो के वाणिज्यिक निदेशक अतुल मित्तल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “यह नया बायोगैस कार्यक्रम हमारे लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में, हम भारत में 22 राज्यों में काम करते हैं और इस परियोजना के साथ हम पूर्वी भारत में अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं। हम लगभग एक वर्ष से ‘एनडीडीबी मृदा लिमिटेड’ के साथ काम कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि इस पहल की सहायता से हम पूरे भारत के ग्रामीण समुदायों तक स्वच्छ ऊर्जा और जैविक उर्वरक पहुंचा सकेंगे।
हमारी इस तकनीक को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। अब तक, हमने अपनी आधुनिक नवीन बायोगैस तकनीक से 56,000 से अधिक किसानों को प्रभावित किया है और इस तरह की परियोजनाओं के साथ हम इस प्रभाव को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।”
“गोबर से समृद्धि” कार्यक्रम की घोषणा करते समय, एनडीडीबी मृदा लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा, “हम बायोगैस संयंत्रों को प्रोत्साहित करने और एक मूल्य श्रृंखला बनाने के लिए सिस्टेमा.बायो के साथ हाथ मिलाकर बेहद उत्साहित हैं, जो डेयरी किसानों की आजीविका बढ़ाने में काफी योगदान देगा और साथ ही स्वच्छ भारत मिशन और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में भी योगदान देगा।
हमारे पास प्रसिद्ध जकारियापुरा खाद प्रबंधन मॉडल विकसित करने के साथ-साथ सिस्टेमा.बायो के साथ काम करने का प्रत्यक्ष अनुभव है, जो कि अब गोबरधन योजना का भी हिस्सा है। अक्टूबर 2022 में, एनडीडीबी मृदा लिमिटेड और सिस्टेमा.बायो ने भारत में छोटे और मध्यम डेयरी किसानों के लिए आधुनिक नवीन बायोगैस संयंत्रों के प्रचार-प्रसार में सहयोग करने के लिए एक अनुबंध ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस साझेदारी का उद्देश्य खाद प्रबंधन और बायोस्लरी के अनुप्रयोग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए डेयरी सहकारी समितियों, डेयरी संघों, दूध उत्पादक संगठनों और अन्य किसान-केंद्रित संस्थानों के साथ काम करना है।। इस साझेदारी का लक्ष्य इस वर्ष लगभग 25,000 किसानों तक बायोगैस संयंत्र उपलब्ध कराना और अगले 2-3 वर्षों में 300,000 डेयरी किसानों को सेवा प्रदान करना है। अब तक सिस्टेमा.बायो ने इस साझेदारी के तहत 15,000 से अधिक बायोगैस संयंत्र स्थापित किए हैं, जिससे 90,000 से अधिक लोगों के लिए आजीविका उपलब्ध हुई है।