पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, वाराणसी : पित्र आदर सम्मान चाहते है। किसी भी शुभ कार्य, मांगलिक कार्य, पूजा पाठ में हमें उनको जरुर याद करना चाहिए। उन्हें पूर्ण सम्मान और श्रद्धा भाव से पूजना चाहिए। जब भी आप पूजा करे तब पूजा के बाद ईश्वर से अपने ज्ञात और अज्ञात पितरो के हित के लिए भगवान से कामना करे। अपने पितरो से भूलवश कोई भी अपराध हुआ हो तो उसकी क्षमा मांगे। निम्न उपायों को करे लाभ होगा।
1. अमावस्या के दिन हलवा और खीर का भोग अपने ज्ञात पितरो को लगाये।
2. अमावस्या के दिन स्टील के लोटे में कच्चा दूध, दो लौंग, दो बतासे, डाब, काले तिल लेकर संध्या के समय पीपल के पेड़ पर चढ़ा दे फिर एक जनेऊ चढ़ाये। इससे पितृ देव खुश होते है।
3. प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी खिलाने चाहिए।
इसके अलावा कुछ अन्य असरदार और उपयोगी उपाय :
1. अमावस्या के दिन किसी बबूल के पेड़ के निचे संध्या को पितरो को समर्पित करते हुए भोजन रखे।
2. प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है।
3. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए।
4. माँ काली की नियमित उपासना से भी पितृ दोष में लाभ मिलता है।
5. खाना बनने के बाद पितरो के नाम से भी भोजन निकाले और गौ माँ को खिलाये।
6. हो सके तो हर दिन रविवार को छोड़कर हर संध्या पीपल के पेड़ के निचे एक दीपक सरसों के तेल का पितरो के नाम पर जला कर आये और उन्हें आशीष मांगे।
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जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
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