जयपुर, 29 नवंबर 2021– आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर के पहले बैच (1996-98) का रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह 28 नवंबर, 2021 को विश्वविद्यालय परिसर, जयपुर में मनाया गया। रजत जयंती समारोह में कुल 12 पूर्व छात्र शामिल हुए, जिनमें मनवीर सिंह, एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर, थुंबे ग्रुप, दुबई, शिबू जन, डीन, स्कूल अफ मैनेजमेंट एंड बिजनेस स्टडीज, आरती गुप्ता, बिजनेस डेवलपमेंट एंड क्रेडिट, सेल्फ-कंपनी और हिमांशु बंसल के नाम प्रमुख हैं। कई अन्य ऐसे पूर्व छात्र भी इस समारोह में शामिल हुए जो अब प्रतिष्ठित संगठनों में सफल पदों पर हैं और जिनमें से कुछ ने अपना खुद का उद्यम भी स्थापित किया है।
दरअसल इस प्रतिष्ठित संस्थान के पूर्व छात्रों की सफलता का जश्न मनाने के लिए 1996 के बैच के पुनर्मिलन की योजना बनाई गई थी। इस अवसर पर आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने कहा, ”मैं सिल्वर जुबली समारोह के इस विशेष मौके पर आईआईएचएमआर के पहले बैच से जुड़कर बहुत उत्साहित महसूस कर रहा हूं। हमने एक विशेष प्रबंधन कार्यक्रम के साथ शुरुआत की, जो अपने आप में अनूठा था और देश में इससे पहले कहीं भी इस प्रोग्राम की शुरुआत नहीं की गई थी। आज हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट विद्यार्थियों ने अपने कॅरियर में एक खास मुकाम हासिल किया है और इनमें से अनेक ने अग्रणी पदों पर अपनी क्षमता को साबित किया है। हालांकि अब इतने साल गुजर गए हैं, लेकिन मुझे अभी भी 1996 का अपना पहला बैच याद है।
हम इस बैच के सभी विद्यार्थियों का अपने विश्वविद्यालय में दिल से स्वागत करते हैं। 25 साल पूरे होने के इस प्रतिष्ठित अवसर पर रीयूनियन के आयोजन का उद्देश्य पुराने पलों और पुराने रिश्तों का जश्न मनाने के साथ-साथ नए रिश्तों पर एक अध्याय शुरू करना और पुरानी यादों को ताजा करना है।”
डॉ. सोडानी ने आगे कहा, ”आज आप सब अपने-अपने फील्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आप में से कोई डायरेक्टर है, कोई डॉक्टर, एंटरप्रेन्योर, फ्रीलांसर है। हम इस बात के लिए आप सबके आभारी हैं कि आपने हमारे समाज की उन्नति की दिशा में अपनी ओर से अथक परिश्रम किया है। जीवन के इस मोड़ पर अपनी उपलब्धियों का श्रेय आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय को देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।”
डॉ. मनवीर सिंह, एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर, हेल्थ केयर डिवीजन, थुंबे ग्रुप ने कहा, ”उचित समय पर सफलता का उचित मार्ग खोजना महत्वपूर्ण है, और उसके लिए आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय मेरी पहली पसंद था। आज हम यह कह सकते हैं कि इस इंस्टीट्यूट के कारण ही हमने अपनी एक जगह बनाई और हम कुछ कर सके हैं। यहां हमें जो कुछ सिखाया गया, उसने जीवन में हर कदम पर हमें राह दिखाई है। साथ ही साथ हमारे प्रोफेसरों की ओर से मिला सपोर्ट हमारे भविष्य के लिए बेहद फायदेमंद रहा है। हैरानी की बात यह है कि 25 साल बाद आज हमें जो भाव मिला है, उससे हम बहुत खुश हैं। हमें हमारे रोल नंबर से बैठाया गया, जिससे हमारे पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं।”