श्री गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 बुधवार को

वाराणसी । इस साल गणेश चतुर्थी का महापर्व बहुत खास रहने वाला है। गणेश चतुर्थी पर करीब दस साल बाद एक विशेष संयोग बनने जा रहा है। इस संयोग में जो लोग भगवान गणेशजी की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे, उनकी सभी मनोकामानाएं जल्द पूरी होंगी। साथ ही भगवान गणेशजी की विशेष कृपा भी उन पर होगी। श्री गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त बुधवार को पड़ रही है।

इस साल गणेश चतुर्थी पर एक ऐसा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है, जैसा भगवान गणेशजी के जन्म के समय बना था।
ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग आज से करीब 10 साल पहले 2012 में बना था। गणेश पुराण में बताया गया है कि गणेशजी का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दिन के समय हुआ था। उस दिन शुभ दिवस बुधवार था। इस साल भी कुछ ऐसा ही संयोग बन रहा है। इस साल भी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि बुधवार को दिन के समय रहेगा।

31 अगस्त को उदिया कालीन चतुर्थी तिथि और मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी होने से इसी दिन विनायक चतुर्थी का व्रत-पूजन सर्वमान्य होगा। इस शुभ संयोग में गणपति की पूजा करना भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी होगा। गणेश की पूजा-पाठ करने से जो भी विघ्न-बाधाएं आ रही हैं, वो दूर होंगी और निश्चित तौर से लाभ होगा। गणेश चतुर्थी पर रवि योग भी रहेगा, जैसा कि 10 वर्ष पहले भी था।

श्रीगणेश पूजा शुभ मुहूर्त :
31 अगस्त 2022 बुधवार,
इस दिन सुबह 06: 06 बजे से संपूर्ण दिन रवि योग नामक शुभ योग रहेगा, जो एक शुभ योग है।
लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघड़िया क्रमशः सुबह 06:00 बजे से सुबह 09: 09 बजे तक रहेंगे।
उसके बाद शुभ का चौघड़िया 10:45 से 12:00 बजे तक रहेगा।
तदोपरांत चल व लाभ के श्रेष्ठ चौघड़िया 15:32 से लेकर 18:45 तक रहेंगे।
अतः आप इन श्रेष्ठ चौघड़िया के दौरान कभी भी श्रीगणेश जी की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

पूजा में इन चीजों को करें शामिल :
श्री गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी को कुछ खास चीजें अर्पित करने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन अक्षत, द्रुवा, नारियल, सिंदूर, मोदक, सुपारी, गेंदे व गुड़हल के लाल फूल, केला आदि चढ़ाने से गणपति प्रसन्न होते हैं। घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और जीवन में चल रही मुश्किलें खत्म होती हैं।

चंद्र दर्शन निषेध :
शास्त्र मतानुसार गणेश चतुर्थी का चंद्रमा श्रापित है, अतः इस दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए।

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पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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