मुंबई। सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना ने गुरुवार को शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अगले चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे। सेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार में अलग हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवेश के साथ, शिंदे की ‘अपनी उपयोगिता समाप्त’ हो गई है और राज्य को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा।
एक अन्य सांसद विनायक राउत ने भी दावा किया था कि सत्तारूढ़ शिवसेना के लगभग 10 विधायक शिवसेना (यूबीटी) के संपर्क में हैं। दूसरे नेताओं ने भी कहा है कि 2022 में पार्टी छोड़ने वाले कई लोग कथित तौर पर ‘घर वापसी’ करना चाहते हैं। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा, “हमारे विधायकों में बिल्कुल भी नाराजगी नहीं है… हमें मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। उनके पद को किसी भी तरह से खतरा नहीं है और ये केवल अफवाहें हैं कि वह पद छोड़ रहे हैं।”
शिवसेना के अन्य नेताओं ने भी उद्धव गुट के दावों को खारिज कर दिया कि कई विधायक सरकार में नए और दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार और उनके समूह के प्रवेश से बेचैनी महसूस कर रहे हैं और सेना छोड़ना चाहते हैं। सामंत ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार ‘अनुभवी और परिपक्व’ नेता हैं और वे गठबंधन को आगे ले जाएंगे।”
इस सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना सांसदों और विधायकों की हालिया बैठक के बारे में चल रही अटकलों पर सामंत ने कहा कि चर्चा लोकसभा और महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र, विकास कार्यों, पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को क्या करना चाहिए और किसी तरह पार्टी संगठन को बनाना चाहिए इसके बारे में थी।
अजित पवार 2 जुलाई को आठ मंत्रियों के साथ सरकार में शामिल हुए। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि शिवसेना विधायकों, खासकर मंत्री पद के दावेदारों के बीच उनके भाग्य और भविष्य को लेकर नाराजगी है। इसी तरह की खबरें भाजपा की ओर से भी आ रही हैं।