पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगी शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की जन्मस्थली

हुगली। बांग्ला सहित के प्रख्यात कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 1876 में हुगली जिले के देवानंदपुर गांव में हुआ था। अब राज्य सरकार ने उनकी जन्मस्थली को पर्यटन केन्द्र का दर्जा दे दिया है। चुंचूड़ा के विधायक असित मजूमदार ने मंगलवार शाम देवानंदपुर शरतचंद्र स्मृति मंदिर में आयोजित एक समारोह में इसकी घोषणा की। विधायक ने कहा कि पर्यटन विभाग के मंत्री इंद्रनील सेन के निर्देश पर उन्होंने यह घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि शरतचंद्र जन्मस्थली पर जल्द ही रेनोवेशन का काम शुरू होगा। देवानंदपुर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार शुरुआत में तकरीबन ढाई करोड़ रुपये खर्च करेगी। मूल रूप से, राज्य पर्यटन विभाग की पहल के तहत शरतचंद्र की जन्मस्थली देवानंदपुर में दो तोरणों का निर्माण किया जाएगा।

शरतचंद्र के बाल्यकाल के विद्यालय पियारी पंडित का जीर्णोद्धार किया जाएगा। संग्रहण कक्ष का जीर्णोद्धार किया जाएगा। शिव मंदिर और जोड़ा मंदिर की प्राचीर का निर्माण किया जाएगा। यह भी जानकारी मिली है कि स्मृति मंदिर परिसर में लगी शरतचंद्र की प्रतिमा का जीर्णोद्धार किया जायेगा।

सेमिनार हॉल और स्मृति मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। देवानंदपुर क्षेत्र में रहे कथाकार की छोटी-बड़ी स्मृतियों को पर्यटन केंद्र के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा। पूरे देवानंदपुर को सजाया जायेगा। आधुनिक अतिथि आवास एवं कैंटीन का निर्माण किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 5 =