कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के भीतर मचा अंदरुनी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। तृणमूल नेतृत्व के लिए मंगलवार को उस वक्त शर्मिंदगी की स्थिति पैदा हो गई जब पार्टी के लोकसभा सांसद व वरिष्ठ नेता सौगत राय ने बंगाल में निकाय चुनाव के दौरान हुई व्यापक हिंसा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसे टाला जाना चाहिए क्योंकि यह लोगों के बीच एक गलत संदेश देता है। बता दें कि रविवार को बंगाल में 107 नगर पालिकाओं के चुनाव के दौरान भारी हिंसा के मामले सामने आए थे, जिसके खिलाफ अगले दिन मुख्य विपक्षी भाजपा ने 12 घंटे का राज्यव्यापी बंद भी बुलाया था।
तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राय ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि हिंसा की घटनाओं से बचना चाहिए था क्योंकि इससे जनता में गलत संदेश जाता है। जो हो रहा है वह अच्छा नहीं है। अगर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, तो लोगों का हम पर से विश्वास उठ जाएगा। यह पूछे जाने पर कि निकाय चुनाव के दौरान हुई हिंसा का मुख्य कारण क्या है, राय ने कहा कि हम टीएमसी द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर जीतेंगे, हिंसा का सहारा लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
शायद सत्ता की लालसा या कोई अन्य कारण है, मुझे नहीं पता। मुझे नहीं पता कि हिंसा के खिलाफ जीरो टालरेंस का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचा या नहीं। राय ने कहा कि उन्हें इस बार के निकाय चुनाव के दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा हिंसा के प्रति जीरो टालरेंस के किसी भी संदेश के बारे में पता नहीं है। बता दें कि वरिष्ठ नेता राय हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मतभेद की खबरों को लेकर सुर्खियों में आने वाले अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं।
उन्होंने अगली पीढ़ी के नेताओं द्वारा समर्थित पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद के विचार का समर्थन किया था। इन सबके बीच हाल में ममता द्वारा नवगठित राष्ट्रीय कार्यसमिति में राय को जगह नहीं दी गई है। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में भी उन्हें शामिल नहीं किया गया है जबकि पहले की कमेटी में वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे।