सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स ने नए साल पर कम विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों के जीवन को किया रोशन

भारत में कंपनी ने अपने सभी 123 स्टोरों में 2,000 से अधिक अनाथ बच्चों के साथ मनाया जश्न

कोलकाता : भारत की सबसे बड़ी ज्वेलरी रिटेल चेन में से एक सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स ने भारत में अपने सभी 123 स्टोरों में खुशियां फैलाकर और 2000 से अधिक अनाथ बच्चों के जीवन को जीवंत बनाकर नए साल का जश्न अनोखे तरीके से मनाया। कम विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों ने सेनको द्वारा प्रदान किए गए इस अवसर का भरपूर आनंद लिया और इस अवसर को खुशी और उत्साह के साथ मनाया। बच्चों ने विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों जैसे कि खेल, चित्रकला प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पूरे मन से हिस्सा लिया। सेनको स्टोर्स में कार्यक्रमों के दौरान बच्चों ने विशेष नृत्य, संगीत और जादू के शो के माध्यम से अपनी प्रतिभा का भी प्रदर्शन किया। इस खुशी के मौके पर सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के अधिकारियों ने अनाथ बच्चों के बीच मिठाई और उपहार भी वितरित किए।

इस पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए सुभांकर सेन, सीईओ, सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स ने कहा, “एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक होने के नाते, हम उस समाज और समुदायों के लिए एक सार्थक योगदान देने में विश्वास करते हैं, जिसमें हम काम करते हैं। हमारे समाज का भविष्य ये बच्चे, जिनके लिए यह पहल की गई, हमारी प्रतिबद्धता की पुनरावृत्ति थी। और यह देखना, एक विनम्र अनुभव था कि कैसे छोटी चीजें, इन विशेष बच्चों के लिए बहुत बड़ा बदलाव बन सकती हैं। हमारे समाज के कम विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों के बीच प्रतिभा की अधिकता को देखना भी अद्भुत था। हम भविष्य में इन विशेष युवाओं के साथ जश्न मनाने के लिए इस तरह के और अवसरों के आयोजन की आशा करते हैं, जिससे खुशी और सिर्फ खुशी फैले।”

सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स ने हमेशा समाज को वापस देने में विश्वास रखा है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स ने पी.सी. सेन चैरिटेबल ट्रस्ट, मध्यमग्राम के तत्वावधान में महिलाओं और युवाओं के लिए ‘शंकर सेन इंस्टिट्यूट ऑफ वोकेशनल स्टडीज’ संस्थान की स्थापना की है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों की महिलाओं और युवाओं को आभूषण डिजाइनिंग, सौंदर्य देखभाल, खुदरा बिक्री, गृह देखभाल और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।

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