तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी सही मायनों में ट्रेड यूनियन राजनीति के शिखर पुरुष थे , जिन्होंने भारतीय परिवेश में राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए कामगारों को संघर्ष करना सिखाया । यह बात दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ नेताओं ने कही । दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ खड़गपुर के मंडल कार्यालय में दत्तोपंत ठेंगड़ीजी के 100 वें जन्म दिवस पर का शताब्दी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मजदूर संघ की खड़गपुर इकाई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि प्रदान की गयी तथा उनके कार्यों का स्मरण किया गया। वक्ताओं ने कहा कि श्रमिक हित को सर्वोपरि मानने के बावजूद ठेंगड़ी जी अराजक आंदोलनों के पक्षधर बिल्कुल नहीं थे ।
उनका जन्म 10 नवंबर,1920 को महाराष्ट्र राज्य के वर्धा जिले के आर्वी शहर में हुआ था।वे विद्यार्थी जीवन में ही भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर भारत माता के प्रति अपनी वचनबद्धता का परिचय दिया। वे ऐसे महानायक थे जो राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते थे तथा मजदूर के हितों के लिए के अपना सम्पूर्ण जीवन खपा दिया। वे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक थे, जिन्होंने भारतीय मजदूर संघ को सिफर से शिखर तक पह़ुँचाने का कार्य किया। वे सच्चे राष्ट्र ऋषि थे।
इस अवसर पर खड़गपुर कारखाना के सचिव पी. के. कुंडु, कारखाना सह-सचिव मनीष चंद्र झा, केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य पी. के. पात्रो तथा अन्य पदाधिकारी गण यथा बलवंत सिंह, जी एल पी शर्मा, संतोष सिंह, जलज कुमार गुप्ता, संजीव कुमार, संजय कुमार कच्छप, कौशिक सरकार आदि उपस्थित थे। उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने दत्तोपंत ठेंगड़ी को नमन कर उनके द्वारा किये कार्यो को आगे बढ़ाने को संकल्प लिया। कारखाना सह-सचिव मनीष चंद्र झा ने कहा कि महामानव दत्तोपंत ठेंगड़ीजी के द्वारा दिखाये गये मार्गों के अनुसरण कर दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ लगातार मजदूर हितों की रक्षा में अग्रसर है।