नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बलवान सिंह खोखर की जमानत याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा। खोखर कांग्रेस के पूर्व पार्षद है जो 1984 के सिख विरोधी दंगे में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। बढ़ती उम्र और जेल के अंदर कोरोना वायरस फैलने के कारण जीवन को खतरे की आशंका के आधार पर उसने जमानत मांगी है।
इसी मामले में दोषी और मंडोली जेल में दस वर्ष कैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक महेन्द्र यादव की छह जुलाई को द्वारका में एक निजी अस्पताल में कोविड-19 के कारण मौत हो गई थी। उनकी मौत से पांच दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय की अवकाश पीठ ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज की थी।
प्रधान न्यायाधीश एस। ए। बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी। रामसुब्रमण्यम की पीठ ने खोखर की याचिका पर संज्ञान लिया कि उसकी उम्र 70 वर्ष है और कोविड-19 के प्रसार के कारण तिहाड़ जेल के अंदर उसके जीवन को खतरा है।
कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार और खोखर मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें 17 दिसम्बर 2018 को सजा सुनाई थी। यादव को दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।
Fabulous, what a web site it is! This weblog presents valuable data to us, keep it up.