।।मेरे देश की कुर्सी।।
आजकल
मेरे देश की कुर्सी
थरती से भी
अधिक उपजाऊ
हो गई है
ये कुर्सी
फकत
सोना-चांदी, हीरे-मोती
ही नहीं
बेशकीमती गाड़ी
आलीशान कोठी-बंगला
ताकत, रूतबा,
शानोशौकत और
आने वाली
दसियों पीढ़ी के लिए
ऐयाशियों का इंतजाम
उगल रही है
इसीलिए
मेरे देश का नेता
आज
गाण्डीवधारी अर्जुन
बन गया है।