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पहला सवाल :- भाजपा नेताओं को लॉक डाउन के नियम से छूट कैसे है। क्या कोरोना का बचाव सभी के लिए ज़रूरी नहीं है।
जवाब :- भाजपा नेताओं की सभाओं में केवल सदस्य ही शामिल हो सकते हैं क्योंकि कोरोना ने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है उसको भीतर नहीं जाने देते सुरक्षा कर्मी। कोरोना ने देख लिया है मुठभेड़ होने पर क्या होता है अभी उसने उनसे दूरी बनाई हुई है।
दूसरा सवाल :- पुलिस अदालत राज्यों के राज्यपाल सभी निर्णय सत्ता के मन को भाने वाले देने लगे हैं ये कैसा संविधान का पालन करते हैं।
जवाब :- हाथी के दांत खाने को अलग दिखाने को अलग होते हैं। कनून संविधान नियम आम नागरिक पर लागू किये जाते हैं उन पर नहीं जो नियम बनाते हैं। जीभ की तरह बीच में बचकर रहना होता है बेचारी अकेली बत्तीस दांतों के बीच रहती है।
तीसरा सवाल :- जो भी सरकार की आलोचना करता है उसको देश विरोधी कहने लगते है जो खुद किसी नेता की चाटुकारिता करते हैं भक्त कहलाते हैं आलोचना करने वालों की किसी और दल या परिवार की जीहज़ूरी करने वाले घोषित करते हैं जैसे सत्ता का विरोध देश की भलाई और सच्चाई भी गुनाह है।
जवाब :- जिनको हड्डी मिलती रहती है उनको खिलाने वाले के सामने दुम हिलाने की आदत पड़ जाती है और उसकी चाटुकारिता करने को भौंकना भी पड़ता है। ये पालतू हैं जो पेट भरता उसके वफ़ादार होते हैं। कुछ और सवाल बाद में।