बंगाल विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों का वेतन सीधे सरकारी खजाने से होगा क्रेडिट

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उनका वेतन सीधे राज्य के खजाने से मिलेगा। राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने गुरुवार की इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बुधवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की उपस्थिति में राज्य वित्त विभाग में राज्य के 11 विश्वविद्यालयों के फाइनेंस ऑफिसर्स के साथ बैठक हुई थी।

11 राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के वित्त अधिकारियों के साथ बैठक में, राज्य वित्त विभाग ने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए एक मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) लागू की जाएगी। यह निर्णय मौजूदा प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लिया गया है और इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करना नहीं है।

बैठक में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और वित्त सचिव मनोज पंत उपस्थित थे। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ””हम विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। इस प्रक्रिया से संकाय और कर्मचारियों को बिना किसी देरी के समय पर वेतन और पेंशन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया से वेतन और पीएफ गणना आसान हो जाएगी।

इस मुद्दे पर विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक भाषण में कहा, “हमारे राज्यपाल कहते हैं कि वह कॉलेज और विश्वविद्यालय चलाएंगे। क्या आपने कभी सुना है कि किसी कुलपति को आधी रात को बदल दिया गया हो? वह ऐसे व्यवहार कर रहे हैं मानो यह उनकी जागीर हो। यदि कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय उनकी बात का पालन करता है, तो उन्हें वित्तीय नाकेबंदी का सामना करना पड़ेगा।

आइए देखें कि कुलपतियों, प्रोफेसरों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को उनका वेतन कैसे देते हैं। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग से सीधे कर्मचारियों का वेतन देने की घोषणा एक तरह से इशारा माना जा रहा है। बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्यपाल इस मामले में क्या कुछ कहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *