कोलकाता। वर्ष 2019 के लिए साहित्य अकादेमी का प्रतिष्ठित भाषा सम्मान पुरस्कार भोजपुरी भाषा एवं साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए अशोक द्विवेदी (बलिया) एवं अनिल कुमार ओझा ‘नीरद’ (कोलकाता) को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था। यह पुरस्कार अकादेमी के साहित्योत्सव 2023 में नई दिल्ली में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा प्रदान किया जाना था। लेकिन आकस्मिक अस्वस्थता के कारण नीरद जी यह पुरस्कार ग्रहण करने नहीं पहुँच सके।
इसलिए 1 लाख रुपए के इस पुरस्कार के साथ दिया जाने वाला उत्कीर्ण ताम्र फलक अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेंद्र कुमार देवेश द्वारा उनके आवास पर जाकर उन्हें हस्तगत किया गया। इस अवसर पर नीरद जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अकादेमी का यह पुरस्कार उनके लिए नोबेल पुरस्कार की तरह है।
ज्ञातव्य हो कि अकादेमी द्वारा कालजयी एवं मध्यकालीन भारतीय साहित्य तथा गैरमान्यताप्राप्त भाषाओं के विद्वानों के लिए भाषा सम्मान दिए जाने का आरंभ 1996 में किया गया था, जो अब तक 113 विद्वानों को प्रदान किया जा चुका है। इसके पूर्व भोजपुरी भाषा-साहित्य में योगदान के लिए अकादेमी का भाषा सम्मान पुरस्कार धरीक्षण मिश्र (1996), मोती बी.ए. (2001) एवं हरिराम द्विवेदी (2013) को प्रदान किए गए हैं।