बंगाल में चलता है शासक का कानून : धनखड़

कोलकाता। उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) की पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamta Sarkar) से शिकायतें दूर नहीं हो सकी हैं। धनखड़ ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल में कानून का राज नहीं होने का मुद्दा उठाया है। मानवाधिकार आयोग के सालाना कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून का राज नहीं बल्कि शासक का कानून चलता है। धनखड़ ने पश्चिम बंगाल का राज्यपाल पद छोड़ने के बाद उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहने के दौरान उनका ममता सरकार से हमेशा टकराव बना रहा।

पश्चिम बंगाल में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर राजभवन और ममता सरकार के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया था। टीएमसी नेताओं ने भी धनखड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसी बीच धनखड़ के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद मामला ठंडा पड़ गया था मगर धनखड़ ने एक बार फिर ममता सरकार पर तंज कसा है।

मानवाधिकार आयोग के सालाना कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई भारी हिंसा के संबंध में आयोग की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। दरअसल हिंसा के बाद मानवाधिकार आयोग की ओर से की गई जांच पड़ताल में ममता सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे।

धनखड़ ने इसी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट से साफ हो गया था कि पश्चिम बंगाल में शासक का ही कानून चलता है। वहां कानून के हिसाब से कोई काम ही नहीं किया जाता। अपने राज्यपाल रहने के दिनों की याद करते हुए धनकड़ ने कहा कि इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनसे साफ पता चलता है कि राज्य में किस तरह कानून की धज्जियां उड़ाई गईं।

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