कोलकाता। सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ है। हालांकि विपक्षी भाजपा विधायकों ने इसका बहिष्कार किया और चर्चा में शामिल नहीं हुए। विधानसभा की धारा 185 के तहत केंद्रीय संस्थाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सदन में प्रस्ताव लाया गया। तृणमूल संसदीय दल के मुख्य सचेतक तापस राय ने यह प्रस्ताव लाया। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। तृणमूल विधायक तापस रॉय और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया।
हालांकि भाजपा के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं वह इस तरह का प्रस्ताव जरूर लाएंगे क्योंकि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों से खतरा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश पर भ्रष्टाचार की जांच हो रही है। सीबीआई और ईडी की जांच से भाजपा का कहीं कोई संबंध नहीं है इसीलिए इस तरह का प्रस्ताव बेबुनियाद है और इसकी भी निंदा की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार समेत कोयला तस्करी, मवेशी तस्करी जैसे एक दर्जन से अधिक मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
कोलकाता। वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का नाम नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में घसीटने वाले तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष और पार्टी के मुखपत्र जागो बांग्ला प्रबंधन के खिलाफ मानहानि का नोटिस दिया गया है। शुभेंदु के भाई सौमेंदु अधिकारी ने सोमवार को यह नोटिस दिया है। कुणाल ने दावा किया था कि शुभेंदु अधिकारी की सिफारिश पर डेढ़ सौ लोगों को नौकरी मिली है जिनमें से 55 लोगों की नौकरी कोर्ट के आदेश के बाद जा चुकी है।
इसी सिलसिले में अधिवक्ता अनिर्वाण चक्रवर्ती ने यह नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा है शुभेंदु के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। इसके पक्ष में कोई भी साक्ष्य नहीं दिया गया है। इसके लिए कानूनी नोटिस भेजा गया है। 72 घंटे के अंदर अपने बयान के लिए माफी मांगनी होगी। ऐसा नहीं करने पर मानहानि की कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।