Rath Yatra 2023: सीएम ममता बनर्जी ने भी खींचा भगवान जगन्‍नाथ का रथ, इस्‍कॉन कोलकाता से निकली भव्‍य रथयात्रा

कोलकाताकोलकाता में इस वर्ष धूमधाम से इस्कान की रथयात्रा का आयोजन हुआ। इस मौके पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रथ यात्रा के अवसर पर इस्कॉन मंदिर में पूजा की। इसके साथ ही पहिंदि विधि भी पूरी की। इसके बाद प्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र अपने-अपने रथ पर सवार होकर मौसी के घर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्कान की कोलकाता रथयात्रा का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रभु जगन्नाथ की आरती की और रस्सी से रथ को भी खींचा। इस मौके पर तृणमूल सांसद नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती समेत व पार्टी विधायक एवं अन्य नेतागण मौजूद थे।

रथयात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। रथों को खींचने के लिए भक्तों में होड़ मची हुई थी। ‘जय जगन्नाथ’ के नारों से परिवेश भक्तिमय हो गया था। रथयात्रा देखने के लिए सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में लोग जमा थे। रथयात्रा अल्बर्ट रोड स्थित इस्कान मंदिर से शुरू हुई और हंगरफोर्ड स्ट्रीट, एजेसी बोस रोड, शरत बोस रोड, हाजरा रोड, एसपी मुखर्जी रोड, एटीएम रोड, चौरंगी रोड, एक्साइड क्रासिंग, जवाहरलाल नेहरु रोड और आउट्राम रोड होते हुए ब्रिगेड परेड ग्राउंड पहुंची।

वहां रथयात्रा मेले का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान वहां धार्मिक अनुष्ठान व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। दूसरी तरफ इस्कान के वैश्विक मुख्यालय मायापुर में भी रथयात्रा का धूमधाम से आयोजन हुआ। श्रीरामपुर माहेश की 626 वर्ष पुरानी रथयात्रा धूमधाम से निकली। कड़ी सुरक्षा के बीच प्रभु जगन्नाथ रथ पर सवार होकर बलभद्र-सुभद्रा के साथ मौसी के घर जाने के लिए निकले। उनके दर्शन को सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। पुरोहितों ने प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का अलौकिक श्रृंगार किया था।

उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की गई। भोग-आरती के बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। रथयात्रा के लिए चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से मंदिर और आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से  माहेश की रथयात्रा बंद थी।

बता दें कि आस्था के मानक ‘जगन्नाथ रथ यात्रा 2023’ की शुरुआत आज से हो गई है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर ये यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रों के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा के जरिए अपनी मौसी के घर यानी कि पुरी के गुंडिचा मंदिर जाते हैं। तीनों भगवान सुसज्जित रथ पर बैठकर बड़ी ही भव्य तरीके से अपनी मौसी के घर पहुंचते हैं। रथ यात्रा का आयोजन केवल पुरी में ही नहीं, बल्कि अहमदाबाद, काशी, वृंदावन, कानपुर , दिल्ली, भोपाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, बंगाल और रांची में भी होता है।

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