रमापद चौधुरी जन्मशतवार्षिकी संगोष्ठी का आयोजन

कोलकाता। साहित्य अकादेमी द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के सभागार में प्रख्यात बांग्ला साहित्यकार रमापद चौधुरी की जन्मशती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रतिष्ठित विद्वान पवित्र सरकार ने रमापद चौधुरी की रचनाओं को संदर्भित करते हुए अपनी रचना-यात्रा पर उनके प्रभावों की चर्चा की। संगोष्ठी का बीज भाषण प्रस्तुत करते हुए हर्ष दत्त ने उनके साथ अपने निकट संबंधों की चर्चा करते हुए उनकी रचनाशैली पर बात की। उन्होंने ‘आनंदबाजार’ से जुड़े उनके संपादकीय दायित्वों का उल्लेख करते हुए परवर्ती पीढ़ी पर उनके प्रभावों को रेखांकित किया।

अपने आरंभिक वक्तव्य में सुबोध सरकार ने उनके अनुशासित और संयमित जीवन-चर्या की चर्चा करते हुए उनकी रचना-प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से उनके उपन्यास ‘अभिमन्यु’ का उल्लेख किया, जिस पर केंद्रित हिंदी फिल्म ‘एक डाॅक्टर की मौत’ का निर्माण हुआ था। संगोष्ठी के आरंभ में अपने स्वागत भाषण में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के बहाने अपने प्रिय लेखक के पुनर्पाठ के अवसर प्राप्त होते हैं। सत्रांत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के कार्यक्रम अधिकारी मिहिर कुमार साहु द्वारा प्रस्तुत किया गया।

स्ंगोष्ठी का प्रथम सत्र रमापद चैधुरी के जीवन पर केंद्रित था, जिसमें तपन बंद्योपाध्याय और अर्घ्य बंद्योपाध्याय ने अपने आलेख प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से रमापद चौधुरी के व्यक्तित्व के अने पहलुओं को उजागर किया। द्वितीय सत्र रमापद चौधुरी के कृतित्व पर केंद्रित था, जिसमें सुमन सेनगुप्त, शमीक घोष और स्वप्नमय चक्रवर्ती ने अपने आलेख प्रस्तुत करते हुए लेखक की संपादन-कला, उपन्यास और कहानियों की विवेचना की। तृतीय सत्र में अलोक कुमार चक्रवर्ती रमापद चौधुरी के उपन्यासों का मूल्यांकन प्रस्तुत किया और उन्हें मध्यवित्तीय जीवन का सफल चितेरा बताया, जबकि राजा मित्र ने अपने वक्तव्य में उनपर स्वयं द्वारा निर्देशित वृत्तचित्र-निर्माण से संबंधित अनुभवों को साझा किया। संगोष्ठी के अंत में साहित्य अकादेमी द्वारा राजा मित्र के निर्देशन में रमापद चौधुरी पर निर्मित वृत्तचित्र का प्रदर्शन भी किया गया।

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