बंगाल में रामनवमी को सार्वजनिक अवकाश नहीं, भाजपा ने जताया विरोध

कोलकाता। भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा है कि 30 मार्च को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की बजाय, उसी दिन केंद्र के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का आयोजन लोगों की भावनाओं का अनादर है। पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार पर आर्थिक मामलों में अनियमितता बरतने का भी आरोप लगाया है। भाजपा के इस हमले को तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी खेमे में बढ़ती सक्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है। यदि बंगाल में समूचा विपक्ष एकजुट होता है तो भाजपा को इसका लोकसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है, जहां पिछली बार उसने बेहतर प्रदर्शन किया था।

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने 29-30 मार्च को केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन का आयोजन किया है, लेकिन 30 मार्च को रामनवमी है, जिसे राज्य के लोग खूब जोर-शोर से मनाते हैं। उन्होंने इस दिन सार्वजनिक अवकाश करने की बजाय धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर लोगों की भावनाओं की उपेक्षा की है।

बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के सभी विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। मुख्यमंत्री ने इन विभागों के भ्रष्टाचार समाप्त करने में कोई रुचि नहीं दिखाई, बल्कि उसने उन मंत्रियों को संरक्षण प्रदान किया जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में विकास करना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से उसे मदद नहीं मिल रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में लगातार नए-नए एयरपोर्ट विकसित करने का काम किया है, लेकिन बंगाल में जमीन न मिलने के कारण वहां नए एयरपोर्ट नहीं बन पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को नाम बदलकर चला रही है, क्योंकि उसके पास अपना कामकाज दिखाने के लिए कुछ नहीं है।

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