सिलीगुड़ी। राज्य सरकार द्वारा बकाया 39% प्रतिशत महंगाई भत्ते के स्थान पर घोषित महंगाई भत्ते के विरोध में आज राज्य भर के स्कूल शिक्षकों सहित सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतरे आये हैं। इसके खिलाफ संग्रामी संयुक्त मंच द्वारा 10 मार्च को बुलायी गयी आम हड़ताल में सफलता प्राप्त करने के लिए गुरुवार को शहर में विरोध मार्च निकाला जायेगा।
संग्रामी संयुक्त मंच के पक्ष में पेशे से शिक्षिका रीता ठाकुर ने कहा कि महँगाई भत्ता उनका अधिकार है और इस अधिकार से वंचित किये जाने को वे स्वीकार नहीं करेंगी साथ ही संयुक्त मंच राज्य में बहुचर्चित शिक्षक भर्ती में घोटाले के खिलाफ भी लगातार लड़ रहा है।
हड़ताल के समर्थक व हड़ताल विरोधी सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन से जिलाशासक कार्यालय गर्माया
जलपाईगुड़ी। एक ओर डी की मांग को लेकर हड़ताल व दूसरी ओर हड़ताल का विरोध में उतरे तृणमूल कार्यकर्ता। जलपाईगुड़ी जिलाशासक का कार्यालय इन दो खेमों के विरोध और प्रतिवाद से गर्मा गया। माकपा समर्थित संयुक्त फोरम ने बकाया डीए भुगतान, अस्थायी कर्मचारियों की स्थायीकरण, पश्चिमबंगाल में लोकतंत्र के पुनरुद्धार सहित कई मांगों को लेकर शुक्रवार को राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
उधर, बंद के विरोध में तृणमूल कांग्रेस समर्थित सरकारी कर्मचारी महासंघ के विरोध प्रदर्शन से जलपाईगुड़ी जिलाशासक कार्यालय परिसर काफी तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
हड़ताल को विफल करने को सरकारी कार्यालयों में जाकर कर्मचारियों को चेतावनी दे रहे तृणमूल नेता
कूचबिहार। राज्य सरकारी कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया गया है। वहीं हड़ताल को विफल करने के लिए सरकारी कार्यालयों और विभिन्न स्कूलों में जाकर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता कर्मचारियों को चेतावनी दे रहे है। तृणमूल नेता चेतावनी देते नजर आ रहे हैं कि अगर वे हड़ताल में शामिल हुए तो उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की ओर से कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद स्वाभाविक रूप से सरकारी कर्मचारियों ने लोकतंत्र पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
डीए की मांग में संग्रामी संयुक्त मंच ने किया हड़ताल का आह्वान
कूचबिहार। जहां देश के अन्य राज्य केंद्रीय दर से डीए का भुगतान कर रहे हैं, वहीं यह राज्य 3 प्रतिशत डीए भुगतान कर रहा है। इस संबंध में कई बार राज्य सरकार को आवेदन दिया जा चुका है। लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए संग्रामी मंच के 45 संगठनों ने एक साथ आकर 10 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है।
उनकी मुख्य मांग है कि राज्य में सभी रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति और सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही केंद्रीय दर से डीएभुगतान किया जाए। राज्य के स्कूल और कॉलेजों के सभी सरकारी कर्मचारियों ने मिलकर इस कार्य विराम का आह्वान किया है।