जंगलमहल में अनोखे ढंग से मनाई गई राखी

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। स्वर्ण रेखिक फेसबुक परिवार की पहल “आमारकार भाषा, आमारकर गोर्ब” के तहत बुधवार को स्वर्णरेखा के तटीय क्षेत्रों में राखी उत्साह पूर्वक मनाया गया। परिवार की गोपीवल्लभपुर शाखा की पहल पर एक अनोखा कार्यक्रम अपनाकर राखी बंधन उत्सव मनाया गया। आज सुबह संगठन के सदस्य अश्विनी दास के नेतृत्व में गोपीबल्लबपुर के जनजाति निवासित गांव पाथर चकड़ी के बच्चों और किशोरों के हाथों पर राखी बांध कर राखी बंधन उत्सव या “गमाहा पुनी” उत्सव की शुरुआत की गई। इस दिन गोपीवल्लभपुर बाजार में राखीबंधन उत्सव के साथ-साथ “मिन मंगल” उत्सव के माध्यम से नदी के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने के लिए गोपीवल्लभपुर में सुवर्णरेखा नदी में छोटी और बड़ी मछलियों को छोड़ा गया।

गोपीबल्लबपुर शाखा के सचिव अनिमेष सिंह ने कहा, “एक नदी एक सभ्यता को संपूर्ण बनाती है। कृषि से लेकर मछली पकड़ने तक, खुशी या दुख में और विभिन्न त्योहारों में, नदी ही हमारी एकमात्र आशा है, तो आज राखीबंधन यानी गमहापुनेई के अवसर पर स्वर्ण रेखिक परिवार की ओर से इस मंगल उत्सव के माध्यम से नदी को एक छोटा सा उपहार दिया गया। कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष तन्मय बख्शी, शांतिदेव दे, सुभाशीष नायक, दीपक कुमार बारी, रंजीत दास, राजीव पटनायक, अभिजीत पायरा, नरसिंह पायरा, अजीत कुमार सुई, अश्विनी दास, मम्पी दास, वर्णाली सुई और भामल टीम के सदस्य उपस्थित थे। इस दिन परिवार की महापाल शाखा ने नदी में बेड़ा प्रवाहित कर और राहगीरों के हाथों में राखी बंधन के साथ पेड़ों को राखी बांधकर राखी बंधन का त्योहार मनाया।

जहाँ किशोर कुमार रक्षित, सौकत अली शाह, समीर राउत, साजिद अली समेत अन्य मौजूद थे। संगठन की झाड़ग्राम शाखा के सदस्यों ने दुबराजपुर चौराहे पर आते-जाते लोगों को राखी बांधकर और पेड़ों को राखी बांधकर तथा गाते-बजाते हुए राखी बंधन का त्योहार मनाया। इस अवसर पर शाश्वती खोटिया, आनंद विशुई, स्वर्ण शतपथी, पार्थ भौमिक व अन्य मौजूद थे। संस्था की पहल पर देश के अन्य हिस्सों में भी राखी बंधन का त्योहार मनाया गया। समूह के निदेशकों की ओर से विश्वजीत पाल, सुदीप कुमार खांडा, मुरलीधर बाग एवं अन्य ने सभी जगह राखी बंधन पर्व की सफलता के लिए सभी संबंधितों को धन्यवाद एवं बधाई दी।

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