बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना दिवस समारोह के अवसर पर भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार रहने का लक्ष्य दिया। सिंह ने कहा, सेना दिवस के शुभ अवसर पर मैं सरकार और समाज की ओर से एक लक्ष्य देता हूं। वह है- भारतीय सेना भविष्य के लिए तैयार रहे। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज दुनिया की ज्यादातर सेनाएं अपने आधुनिकीकरण में लगी हुई हैं और अपनी सोच एवं विचारों पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना प्रौद्योगिकी और संगठनात्मक ढांचे पर भी काम कर रही है और नए प्लेटफॉर्म एवं उपकरणों पर विचार करने के अलावा एक अद्वितीय शोध चल रहा है।
इस संदर्भ में रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना से कल को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति, रणनीति और नीतियों पर काम करने को कहा। उन्होंने कहा,“हर आज कल का कल बन जाता है। इसलिए जो सेना या संगठन आज के हिसाब से ही खुद को तैयार करता है, वह जल्दी बूढ़ा हो जाता है और ज्यादा दिन तक प्रभावी नहीं रह सकता। इसलिए जरूरी है कि हम आज के बजाय कल के बारे में सोचें और आने वाले कल के बारे में सोचें। परसों अगले 25-30 साल के बारे में सोचें और उस पर काम करें।”
उन्होंने कहा,“यह भविष्य में हमारी सुरक्षा और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। आइए, हम मिलकर भारत को आगे बढ़ाएं, और एक विकसित तथा सुरक्षित भारत का निर्माण करें।” रक्षा मंत्री ने भारत की बढ़ती विकास गाथा का श्रेय भारत की सुरक्षा व्यवस्था को दिया। उन्होंने कहा,“भारत की मजबूत सुरक्षा प्रणाली के कारण, देश लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में आगे बढ़ रहा है, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है।”
सिंह ने कहा कि बढ़ती सुरक्षा प्रणाली ने बैंक ऋण में वृद्धि और आयकर तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिकॉर्ड संग्रह में भी योगदान दिया है। उन्होंने कहा,“ यह हमारे सुरक्षा तंत्र की मजबूती का भी प्रमाण है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत दुनिया के लिए एक पसंदीदा और विश्वसनीय निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। यह मैं सिर्फ नहीं कह रहा हूं, बल्कि दुनिया की बड़ी एजेंसियां और वैश्विक कारोबारी नेता भी यही बात कह रहे हैं। इस पर विश्वास करना चाहिए।”