भोर भई, अब तो जागो बिहारी भाइयों जागो

राजकुमार गुप्त, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता

आज भी हम बिहारी सिर्फ सरकार और सिस्टम को ही गाली देते आ रहे हैं क्या फर्क पड़ता है इस सिस्टम में रचे बसे लोगों का या राजनीतिक दलों और इनके नेताओं का? कभी हम बिहारियों को खुद अपने गिरेबान में भी झांक कर देखना चाहिए कि थोड़े से लालच में पड़कर हम ज्यादातर अच्छे लोगों को वोट न देकर कुछ इसी तरह के लोगों को ही पसंद करते हैं।
अगर मैं सिर्फ बिहार के परिपेक्ष में देखूं तो आजादी के बाद से ज्यादातर कांग्रेसियों ने फिर 15 वर्षों तक लालू जी सपरिवार और 15 वर्षों तक नीतीश जी और बीजेपी की जोड़ी ने शासन किया इन वर्षों में इन्होंने जो भी किया, क्या इससे अधिक नहीं किया जा सकता था? जरूर किया जा सकता था परंतु इनलोगों की इच्छाशक्ति ही नहीं थी कि लोगों को जागरूक और शिक्षित किया जाए कारण लोग जब शिक्षित होंगे तो अपने अधिकारों के लिए भी सचेत हो जाएंगे। हाँ पिछले 30 वर्षों में स्कूलों की संख्या जरूर बढ़ी है परंतु सभी दलों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती शिक्षकों के रूप में भर्ती करने के कारण शिक्षा का स्तर घटा है, नये विश्वविद्यालय या टेक्निकल कॉलेजों की संख्या जरूरत के मुताबिक नहीं बढ़ाई गई जिससे कि बिहारी बच्चों को राज्य से बाहर पढ़ाई करने के लिए बाध्य होना पड़ता है और जिसके पास बाहर जाने के साधन नहीं है वो पढ़ाई रोकने को विवश होते हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था आज भी लगभग चरमराई हुई ही है। केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में आज भी बिचौलियों का हस्तक्षेप है। निचले स्तर से ही अगर इन सभी योजनाओं को ठीक से क्रियान्वित किया जाता तब भी बहुत सारे लोगों का प्रदेश से पलायन रुक सकता था। आज बिहार की उन्नति के लिए चाहे हम जिस किसी भी विचारधारा या पार्टी के समर्थक हो हमें निरपेक्ष रूप से सिर्फ बिहार की भलाई के बारे में ही सोचना होगा।
जात-पात, पंथ, मजहब और पार्टी से ऊपर उठकर अगर बिहार की जनता सिर्फ और सिर्फ बिहार के विकास के लिए वोट करती है और सभी दलों के अच्छे उम्मीदवारों को ही चुनती है तो आने वाले वक्त में कुछ उम्मीद किया जा सकता है।
आज बिहार के लोगों के पास एक मौका है कि इस दुर्दिन के बाद सामने ही विधानसभा चुनाव भी है अगर थोड़ा भी अपनी बुद्धि का प्रयोग करें तो बिहार को और अपने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को संवार सकते हैं।

नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत हैं । इस आलेख में  दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।

4 thoughts on “भोर भई, अब तो जागो बिहारी भाइयों जागो

  1. Raju sandilya says:

    बहुत ही बढ़िया लेखनी
    जारी रहे ये लेखनी

    • राज कुमार गुप्त says:

      Vivek kumar जी धन्यवाद आपका
      kolkatahindinews.com में अन्य लेखकों और विषयों को भी पढ़ने का आपसे अनुरोध करता हूँ।

    • राज कुमार गुप्त says:

      Raju sandilya जी धन्यवाद आपका
      kolkatahindinews.com में अन्य लेखकों और विषयों को भी पढ़ने का आपसे भी अनुरोध करता हूँ।

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