तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोरोना काल में लॉक डाउन की लाठी लगातार जनता की पीठ लाल कर रही है। इसका भयंकर नकारात्मक असर रेल महकमे में भी देखा जा रहा है। लॉक डाउन से महकमे में एक के बाद ऐसी अराजक घटनाएँ सामने आ रही है, जो इसके पहले कभी देखी या सुनी नहीं गई।
इनमें अब तक सुर्खियों में रही है दर्जनों ट्रेनों का रास्ता भटक कर कहीं का कहीं पहुँच जाना लेकिन इसमें अब एक और आश्चर्यजनक समस्या शामिल हो चुकी है, कैश की किल्लत के चलते रिजर्वेशन रद कराने वाले यात्रियों को रिफंड मिल पाने में हो रही दिक्कत जिस पर सहज ही यकीन कर पाना मुश्किल है। दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर मंडल में विगत शनिवार से यह समस्या विकट रूप में कायम है।
शहर के नीमपुरा निवासी धीरज यादव ने बताया कि परिजनों का मैहर तक जाने वाला आरक्षित टिकट रद करा कर रिफंड पाने के लिए वे रेलवे के बुकिंग काउंटरों के चक्कर लगा कर थक चुके है।
हर बार काउंटर से बताया जा रहा है कि कैश नहीं होने से रिफंड मिलने में समय लगेगा। कुछ अन्य यात्रियों ने कहा कि रेल सेवा के मामलें में दो महीने असमंजस, उहापोह और अनिश्चितता में बीत गए। किसी तरह रिफंड की प्रक्रिया शुरू हुई तो अब कैश न होने की दलील दी जा रही है। ऐसे में पता नहीं अपना ही पैसा पाने के लिए उन्हें और कितने दिन भटकना पड़ेगा। इस समस्या पर वरीय रेल उच्चाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
हालांकि विभागीय कनिष्ठ अधिकारी दबी जुबान से समस्या की बात स्वीकार करते हैं। सूत्रों के मुताबिक रेल महकमे में टिकट कैंसिलेशन रिफंड की प्रक्रिया शुरू होने के बाद डिवीजन के विभिन्न पी आर एस काउंटरों पर करीब पौने दो करोड़ रुपये वितरित किए गए थे, जो कुछ ही दिनों में खत्म हो गए। लॉक डाउन में नकदी का रोटेशन बंद रहने से यह समस्या उत्पन्न हुई, जिसे दूर करने की कोशिश जारी है। हालांकि समस्या का निस्तारण कब तक हो पाएगा कह पाना मुश्किल है।