यरुशलम/वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका, इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्षों के साथ चतुष्पक्षीय बैठक की। इस दौरान इन नेताओं ने पश्चिम एशिया तथा एशिया में व्यापार तथा समुद्री सुरक्षा बढ़ाने सहित आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।जयशंकर इन दिनों इज़राइल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। बैठक में जयशंकर, इज़राइल के विदेश मंत्री यायर लापिद, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान शामिल हुए।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ इज़राइल के विदेश मंत्री यायर लापिद, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ पहली बैठक अच्छी रही। आर्थिक विकास और वैश्विक मुद्दों पर एक साथ मिलकर काम करने को लेकर चर्चा की। शीघ्र कदम उठाने पर सहमति बनी।’’ जयशंकर ने एक संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘‘ आप तीनों हमारे सबसे करीबी साझेदारों में से हैं।’’
उन्होंने ब्लिंकन की इस बात से सहमति जताई कि इस तरह का एक मंच तीन अलग-अलग द्विपक्षीय कार्यक्रमों की तुलना में बहुत बेहतर काम कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि अपने समय के बड़े मुद्दों पर हम सभी की एक समान सोच है और यह काफी मददगार होगा यदि हम काम करने के लिए कुछ व्यावहारिक चीजों पर सहमत हो सकें।’’
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया कि ब्लिंकन ने तीनों समकक्षों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन से निपटने, ऊर्जा सहयोग और समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के जरिए पश्चिम एशिया तथा एशिया में ‘‘आर्थिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।’’
उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान के क्षेत्र में लोगों के आपसी संबंध बढ़ाने और कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के दौरान विश्व स्तर पर जन स्वास्थ्य का कैसे समर्थन किया जाए, इस पर चर्चा की।ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि बैठक में ‘‘ क्षेत्र और विश्व स्तर पर चिंता के साझा मुद्दों और हमारे आर्थिक तथा राजनीतिक सहयोग के विस्तार के महत्व पर चर्चा की।’’
ब्लिंकन ने एक बयान में, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत को अपने तीन बड़े ‘‘रणनीतिक साझेदार’’ के रूप वर्णित किया। उन्होंने कहा, ‘‘ नए तरीके से दोस्तों को साथ लाकर, हम इन साझेदारियों को और व्यापक कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह बैठक इसी बारे में है। यहां वाशिंगटन में बैठकर, मैं कह सकता हूं कि इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत हमारे तीन बड़े रणनीतिक साझेदार हैं। ऊर्जा, जलवायु, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा आदि इन सभी परस्पर-व्यापक हितों को देखते हुए…. यह वास्तव में एक दिलचस्प एवं अच्छा विचार प्रतीत होता है कि इस नयी साझेदारी और पूरक क्षमताओं का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में किया जाए।’’
वहीं, लापिद ने कहा, ‘‘ जिन चीजों की हम तलाश कर रहे हैं उनमें से एक है तालमेल और हम इस बैठक के बाद यही कायम करने की कोशिश करेंगे। यह तालमेल ही हमें आगे साथ में काम करने में मदद करेगा…इस मेज पर हमारे पास क्षमताओं, ज्ञान और अनुभवों का एक अनूठा मेल है, जिसका उपयोग एक नेटवर्क बनाने के लिए किया जा सकता है जिसे हम सभी बनाना भी चाहते हैं।’’
यूएई के अल नाहयान ने ब्लिंकन और लापिद का सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का एक मंच बनाने का विचार रखने के लिए शुक्रिया अदा किया।भारत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ जयशंकर एक पुराने मित्र हैं…साथ ही भारत और यूएई के बीच मजबूत और विविधतापूर्ण संबंध हैं।’’ इसके बाद, चारों विदेश मंत्रियों ने इस चतुष्पक्षीय सहकारी योजना को वास्तविक रूप देने के वास्ते रणनीति बनाने के लिए बंद कमरे में चर्चा की।