तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। सामान्य और अनुमंडलीय अस्पतालों को आपूर्ति की गई 644 दवाओं में से 273 को रद्द करने और जिले में चिकित्सा बुनियादी ढांचे के समग्र विकास की मांग पर मंगलवार को ” सारा बांग्ला अस्पताल व जन स्वास्थ्य रक्षा संगठन की पूर्व मेदिनीपुर जिला समिति के सदस्यों ने मुख्यालय तमलुक से लेकर नंदीग्राम तक धरना प्रदर्शन किया और संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा .तमलुक में संगठन के प्रवक्ता नारायण चंद्र नायक के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था।
पूर्व मेदिनीपुर जिला अस्पताल के अधीक्षक विभास राय व डॉ. भास्कर वैष्णव को पांच सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। अन्य उपस्थित लोगों में डॉ रामचंद्र सांतरा, जयदेव घड़ा प्रमुख थे। धरना का संचालन डॉ. सुजीत माईती ने किया। धरना समाप्त होने पर सैकड़ों लोगों ने अस्पताल के चारों ओर जुलूस निकाला। नंदीग्राम में एसीएमओएच-3 ने सुप्रिया मित्रा ने ज्ञापन लिया। प्रतिनिधिमंडल में डोलन मिश्रा, प्रलय खाटुआ और अन्य शामिल थे।
शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-प्रखंड प्राथमिक में दवाओं की छंटाई के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार 15 दिसंबर 2021 को नेताओं ने राज्य के सामान्य एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में आपूर्ति की गई दवाओं की संख्या 744 को घटा कर 361किए जाने की शिकायत की। प्रदर्शनकारियों ने इसे घोर अमानवीय करार दिया क्योंकि ये दवाएं कैंसर और डायबिटीज समेत कई घातक और पीड़ादायक रोगों में काम आती है। अपवर्जित दवाओं की सूची में जीवन रक्षक कैंसर-मधुमेह-हीमोफीलिया-निमोनिया-स्त्री रोग संबंधी दवाएं भी शामिल हैं।
संगठन के जिला नेता प्रणब माईती ने शिकायत की कि जहां देश भर में लोग कोरोना संक्रमण से दयनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, वहीं दवा में कटौती अस्वीकार्य है। संगठन का यह भी आरोप है कि लगभग दो वर्षों तक चली इस महामारी में जहां सभी गरीब, मध्यम वर्ग और मेहनतकश लोगों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था की आवश्यकता थी, उस समय स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं में कटौती कर रहा है।