लहरपुर सीतापुर । पूर्णोदय साहित्यिक संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम राज व पूर्णोदय परिवार के सभी सदस्यों ने बताया कि स्वर कोकिला लता दीदी का हम सबको अचानक छोड़ जाना संगीत की दुनिया की एक अपूर्णीय क्षति है। पूर्णोदय परिवार के सदस्यों ने उनके गीत गुनगुनाकर उन्हें याद किया व हाथों में कैंडिल लेकर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। जिसमें परिवार की तरफ से राज कलानवी, चेतन उपाध्याय, डॉ. विनोद शर्मा, सन्तोषी मिश्रा दामिनी, प्रज्ञा आम्बेरकर, मुंबई, नीलू सक्सेना कस्तूरी, केवरा यदु “मीरा” राजिम, राजेश तिवारी मक्खन, सरोज गर्ग नागपुर, गरिमा लखनवी, हर्षिता शुक्ला, अन्नपूर्णा मालवीया (सुभाषिनी), आदित्य मौर्य “आदित्य” रायबरेली, आरती जिन्दल हाथरस।
गरिमा वार्ष्णेय हाथरस, डॉ. विनोद कुमार शकुचन्द्र, रामकुमारी (शिक्षिका) गंगानगर मेरठ, युवा कवि आशीष ठाकुर वरदान, शुभाशुक्ला निशा, डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा अलवर राजस्थान, सोनू सैनी, दौसा, रवि नारायण शुक्ल, रागिनी शुक्ल “राग, डॉ. पुष्पा जैन, डॉ. उमेश नाग, राजबहादुर यादव जौनपुर, ममता वर्मा सीतापुर, पुनीता सिंह दिल्ली, ब्रजेश अनजान, कुमारी चन्दा देवी स्वर्णकार, सुरभि शुक्ला, एन.टी.एस. कमल बाबू स्वदेशी कवि ग्राम गरेली, पुष्पलता शर्मा पुष्प, ऊषा भिड़वारिया सरगम, प्रवीण शर्मा ताल रतलाम, प्रो. डॉ. दिवाकर दिनेश गौड़, डॉ. मंजू श्री, रीमा पांडेय, दिलीप कुमार जायसवाल, डॉ. नेहा इलाहाबादी, नीतू राठौर ‘नीतू’, पवन तनय अग्रहरि, सुनील शर्मा मध्यप्रदेश आदि शामिल रहे।