बंगाल सरकार की तरफ से प्रदेश का नाम तीनों भाषाओं में ‘बांग्ला’ करने का प्रस्ताव

कोलकाता। केंद्र ने विगत पांच वर्षों में सात शहरों और नगरों के नाम बदलने को मंजूरी प्रदान की है, जिनमें इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करना भी शामिल है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से प्रदेश का नाम तीनों भाषाओं-बांग्ला, अंग्रेजी और हिंदी में ‘बांग्ला’ करने का प्रस्ताव आया है।मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को 15 दिसंबर, 2018 को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दिया गया।

उनके अनुसार, आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी शहर का नाम राजा महेंद्रवरम करने, झारखंड में नगर उंटारी का नाम श्री बंशीधर नगर करने को भी मंजूरी दी गई। मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के बीरसिंहपुर पाली को मां बिरासिनी धाम, होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने और बाबई का नाम माखन नगर करने को स्वीकृति दी गई। राय ने कहा कि उनके मंत्रालय ने देश भर के शहरों के नाम बदलने के लिए पिछले पांच वर्षों के दौरान प्राप्त प्रस्तावों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया था।

राय का जवाब अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) की सांसद सैदा अहमद के देश भर के शहरों के नाम बदलने के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एमएचए द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की संख्या के बारे में सवाल के जवाब में आया। तृणमूल सांसद ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार ने विरासत स्थलों के नाम बदलने के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया है। इस पर, राय ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा विरासत स्थलों के नाम बदलने के लिए ऐसा कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया था। 2017 में, आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी का नाम बदलकर राजामहेंद्रवरम कर दिया गया था।

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