सुपरवाइज़र श्रेणी के 80 हजार रेलकर्मियों के लिए खुली पदोन्नति की राह

नयी दिल्ली। सरकार ने देश में रेलवे के सुपरवाइजर स्तर के करीब 80 हजार कर्मचारियों की पदोन्नति की राह में सारी बाधाएं हटा दी और उन्हें प्रथम श्रेणी के अधिकारी यानी लेवल 9 तक पदोन्नति देने का फैसला किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे में लेवल 7 के बाद पदोन्नति के अवसर नहीं होने के कारण इस लेवल के रेलवे कर्मचारियों का मनोबल कम हो जाता था और वर्षों तक एक ही लेवल पर काम करके वे सेवानिवृत्त हो जाते थे। वैष्णव ने कहा कि वास्तव में भारतीय रेलवे को संचालित करने वाले ये ही सुपरवाइजर स्तर के लेवल 7 के वरिष्ठ कर्मचारी ही हैं।

लेवल 7 के बाद पदोन्नति की राह खोलने के फैसले से उनका मनोबल बढ़ेगा और रेलवे को भी अपने कर्मचारियों की प्रतिभा का बेहतर इस्तेमाल का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी रेलवे कर्मचारी जिनकी पदोन्नति के रास्ते लेवल 7 के बाद बंद हो गये हैं, वे कर्मचारी लेवल 8 (ग्रुप बी अधिकारी) और लेवल 9 (ग्रुप ए अधिकारी) तक पदोन्नति पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पात्र कर्मचारियों को जल्दी ही लेवल 8 के पदोन्नति के पत्र जारी किये जाएंगे।

रेल मंत्री के अनुसार पदोन्नति पाने वाले कर्मचारियों को प्रतिमाह ढाई से चार हजार रुपए का लाभ होगा। ग्रुप 8 तक उन्हें वेतन के अलावा अन्य अधिसूचित भत्ते आदि भी प्राप्त होंगे लेकिन लेवल 9 में पदोन्नति में उन्हें ग्रेड पे मिलेगी और यह नॉन फंक्शनल श्रेणी की होगी।
एक सवाल पर रेल मंत्री से साफ किया कि पदोन्नति पाने वाले कर्मचारियों को लेवल 9 में जाने पर संघ लोकसेवा आयोग से चयनित प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के समान भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) का कैडर नहीं मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से रेलवे पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा। कई मदों में खर्च कम हुए हैं जिन्हें इन कर्मचारियों के वेतन भत्तों में समायोजित करने से वित्तीय भार नहीं आएगा। उल्लेखनीय है कि इस लेवल में मुख्य टिकट निरीक्षक, स्टेशन अधीक्षक, वरिष्ठ खंड अभियंता, स्थायी पथ निरीक्षक आदि आते हैं। केंद्र सरकार में लेवल 7 का ग्रे पे 4600 रुपए और लेवल 8 का ग्रेड पे 4800 रुपए तथा लेवल 9 का ग्रेड पे 5400 रुपए प्रतिमाह है।

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