प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय ने बांग्ला भाषा की व्याकारणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक परिदृश्य का किया वर्णन

कोलकाता। विद्याश्री न्यास एवं लाल बहादुर शास्त्री पी.जी. कॉलेज, पं. दी.द.उ. नगर, चन्दौली के संयुक्त तत्वावधान में दिनांकः 12 जनवरी 2022, बुधवार को प्रमुख भारतीय भाषाएँ : समकालीन प्रवृत्तियाँ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में भारत के विभिन्न राज्यों के भाषाविदों ने बहुमूल्य तथ्यों से अवगत कराया। इस क्रम में प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय जी (बंगला का भाषिक एवं साहित्यिक अध्ययन), कुलपति, “वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टिचर्स इजुकेशनल प्लानिंग एण्ड एडिमिस्ट्रेशन” ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में भारतीय संस्कृति की विशिष्टता “अनेकता में एकता” तथा भारतीय भाषाओं की सामासिकता को केंद्र में रखा।

प्रो. सोमा बंद्योपाध्याय जी ने अपने वक्तव्य में बांग्ला भाषा की व्याकारणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक परिदृश्य का वर्णन किया। उन्होंने बांग्ला साहित्य एवं साहित्यकारों के विस्तृत हजार वर्षों के गौरवशाली इतिहास को अपने वक्तव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। अपने वक्तव्य में बांग्ला साहित्य, बांग्ला- हिंदी अनुवाद, बांग्ला-हिंदी पत्रकारिता एवं बांग्ला-हिंदी रंगमंच के प्राचीन एवं आधुनिक आयामों तथा शताधिक साहित्यकारों की विशिष्टताओं से हमारा परिचय कराया।

उनके अलावा प्रो. श्रीधर आर. हेगड़े (अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, के. एम. करिअप्पा कॉलेज, कर्नाटक) ने कन्नड़ दर्पण,  डॉ. गोविन्द राजन ने तमिल भाषा-साहित्य, प्रो. सुषमा देवी ने तेलुगु भाषा और साहित्य, डॉ. एप्सिलीन एम. एस. ने मलयालम भाषा-चिन्तन पर अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सफल संचालन / धन्यवाद  डॉ. नरेन्द्र नाथ राय, (हिन्दी विभाग, राम मनोहर लोहिया पी.जी. कॉलेज, राजातालाब, वाराणसी) ने किया।

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