प्रो. शर्मा को अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान अर्पित किया जाएगा

निप्र, उज्जैन : साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए प्रो. शर्मा को नार्वे से अर्पित होगा प्रथम प्रेमचंद आलोचना अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्रेमचंद जयन्ती पर 31 जुलाई 2021 को भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे एवं द्विभाषी पत्रिका स्पाइल दर्पण द्वारा साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान दिये जाएँगे। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष, कला संकायाध्यक्ष एवं समालोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा को प्रथम प्रेमचंद अंतरराष्ट्रीय आलोचना सम्मान अर्पित किए जाने की घोषणा की गई है।

उन्हें यह सम्मान उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और ओस्लो, नार्वे में भारतीय दूतावास में राजदूत डॉ. बी. बाला भास्कर, ओस्लो के पूर्व टाउन मेयर थूरस्ताइन विंगेर और संस्था के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार सुरेशचन्द्र शुक्ल शरद आलोक अर्पित करेंगे। पुरस्कार अलंकरण समारोह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण होगा।

विगत तीन दशकों से साहित्याराधन एवं आलोचना एवं अनुसंधानपरक लेखन में निरंतर सक्रिय प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने साहित्य, समीक्षा और लोक संस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान दिया है। उन्होंने शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र, देवनागरी विमर्श, हिंदी कथा साहित्य, महात्मा गांधी : विचार और नवाचार, मालवा का लोकनाट्‌य माच और अन्य विधाएं, मालवी भाषा और साहित्य, सिंहस्थ विमर्श, प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, हिन्दी भाषा संरचना, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व आदि सहित पैंतीस से अधिक पुस्तकों का लेखन एवं सम्पादन किया है।

स्तरीय पत्रिकाओं और ग्रन्थों में उनके 300 से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंधों तथा 800 से अधिक कला, साहित्य एवं रंगकर्म समीक्षाओं का प्रकाशन हुआ है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के बीस से अधिक सम्मानों से अलंकृत प्रो शर्मा ने भाषा, साहित्य और लोक संस्कृति से जुड़ी पच्चीस से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी और कार्यशालाओं का समन्वय किया है।

भारत नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नॉर्वे विगत तीन दशकों से भारत एवं नॉर्वे के मध्य मैत्री और सांस्कृतिक सम्बन्धों को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। संस्था द्वारा दुनिया की पहली द्विभाषी पत्रिका स्पाइल दर्पण का प्रकाशन किया जाता है, जो हिंदी एवं नॉर्वेजियन भाषा मे प्रकाशित होती है।

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