लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी – कुनबा बढ़ाओ अभियान जारी

लोकसभा चुनाव 2024 – पार्टियां शक्ति प्रदर्शन के टक्कर में, पर बैसाखियों के चक्कर में!
ऐ बाबू! जनता जनार्दन होशियार हो गई है! बटन दबाकर चुप्पी तोड़ना जान गई है – एडवोकेट किशन भावनानी

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां की नजरें भारत और अमेरिका पर लगी हुई है। वैसे तो रोज अपने नए अंदाज की विकास गाथाओं के लिए भारत और पूर्ण विकसित देश अमेरिका में ऋण बाइडन@80 ट्रंप रेडी चुनाव 2024 चर्चा है। परंतु भारत अमेरिका की तेजी से बढ़ती यारी दुनियां पर नेतृत्व करने की तैयारी में अंतिम पड़ाव दोनों देशों में चुनाव 2024 तक पहुंच गया है। अब अगर यदि वर्तमान दोनों नेतृत्वों ने यह पड़ाव पार कर दिया तो मेरा मानना है संपूर्ण विश्व के विकास की गाथाओं का नक्शा बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इन परिस्थितियों में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी बिगुल बजा दिया है तो भारत में विपक्षी खेमे ने महागठबंधन पर पटना के बाद अब बेंगलुरु में 17-18 जुलाई 2023 को बैठक शुरू कर दी है। जिसका नतीजा कॉमन मिनिमम प्रोगाम के रूप में आ सकता है।

जिसमें करीब 24 पार्टियों के शामिल होने की संभावना है। तो 16 जुलाई 2023 को दो सरकारों वाली दिल्ली की पार्टी का बैठक में शामिल होना भी तय हो गया है, क्योंकि प्रमुख विपक्षी सबसे पुरानी पार्टी ने अध्यादेश का विरोध करने पर सहमति दे दी है। अब मजबूती से अपना कुनबा बढ़ाने के लिए सबसे पुरानी और बड़ी विपक्षी पार्टी ने सभी पार्टियों को पत्र लिखा है जो पहले सुशासन बाबू ने लिखा था। अब छोटी-छोटी पार्टियों को भी पत्र भेजा गया है जो बेंगलुरु में बैठक शुरू हो गई है। उधर सत्ताधारी पार्टी भी 18 जुलाई को अपना दमखम दिखाने पर आमदा है करीब 30 पार्टियों के साथ अपनी ताकत का अंदाजा कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी, क्योंकि हैट्रिक लगाने का संकल्प कर लिया गया है।

जिसके तहत रणनीतिक रोडमैप बनाकर तेजी से लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ गए हैं। जिसका उदाहरण महाराष्ट्र और यूपी में पार्टियों के एक धड़े को अपने पाले में लाकर दिखा भी दिया है अपना दम, परंतु हम जनता जनार्दन सब देख रहे हैं हमने ठान लिया है कि हमको क्या करना है? जनता जनार्दन देख रही है, पार्टियां शक्ति प्रदर्शन के टक्कर में पर बैसाखियों के चक्कर में हैं। 30 बनाम 24 पार्टियों की यारी, कुनबा बढ़ाने की तैयारी, परंतु जनता जनार्दन कह रही है ऐ! बाबू हम अब होशियार हो गए हैं! बटन दबाकर चुप्पी तोड़ना जान गए हैं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी, कुनबा बढ़ाने की का अभियान जारी, मीटिंगों का दौर जारी।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम विपक्षी महागठबंधन के 17-18 जुलाई 2023 को बैठक की करें तो, बड़ी और पुरानी पार्टी अध्यक्ष ने बेंगलुरु में होने वाली बैठक के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को न्योता भेजा है। मीटिंग शाम 6 बजे सभी के लिए डिनर रखा गया है। वहीं 18 जुलाई को 11 बजे से बैठक शुरू होगी। कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने हाल ही में बताया था कि पार्टी अध्यक्ष ने विपक्षी नेताओं के साथ-साथ उनकी नेता से भी बैठक में शामिल होने की अपील की है। उन्हें संदेश मिला है कि वे भी बैठक में शामिल होंगी। बताया जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विपक्ष का कुनबा इस बार और बड़ा होने वाला है। बेंगलुरु में बैठक में एमडीएमके, केडीएमआर, वीसीके, आरएसपी, मुस्लिम लीग, केरला कांग्रेस (जोसफ), केरला कांग्रेस (मणि) भी शामिल होंगी। ऐसे में इस बैठक में कुल 24 पार्टियों के शामिल होने की संभावना है।

साथियों बात अगर हम दो सरकारों वाली दिल्ली की पार्टी पर फंसा पेंच क्लियर होने की करें तो, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मिला कांग्रेस का साथ। बता दें कि, दिल्ली अध्यादेश को लेकर सबसे पुरानी बड़ी और दो सरकारों वाली दिल्ली की पार्टी अब एक साथ आ गई है और केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनको साथ देगी। वहीं इस मुद्दे पर पार्टी महासचिव ने स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध करने की बात कही। इस फैसले के बाद ही दिल्ली पार्टी ने फैसला किया कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेगी।अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांग रहे दिल्ली सीएम। दरअसल, दिल्ली सीएम केंद्र के लाए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन मांग रहे हैं। अगर राज्यसभा में सीएम को विपक्षी दलों का समर्थन मिलता है तो केंद्र के अध्यादेश को कानून बनने से रोका जा सकता है। इसी एजेंडे को लेकर दिल्ली सीएम पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक में भी पहुंचे थे।

साथियों बात अगर हम सत्ताधारी गठबंधन के 18 जुलाई 2023 को बैठक की करें तो, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी नें विपक्षी खेमे को अपना दमखम दिखाने के लिए तैयारी तेज कर दी है तो वहीं विपक्षी दल भी कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहता। ऐसे में विपक्षी दल जहां 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में अपनी दूसरी बैठक करने जा रहे हैं। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने भी 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक के लिए अपने पुराने और नए सहयोगियों को आमंत्रित किया है। सूत्रों ने कहा कि अब तक 19 दलों ने एनडीए बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। एनडीए की बैठक में पीएम भी मौजूद रहेंगे। इसलिए इसे सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन को प्रदर्शित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह पहली बार है कि इस पैमाने पर एनडीए की बैठक हो रही है। 2024 के चुनावों के लिए सत्ताधारी पार्टी अपने पूर्व सहयोगियों के साथ बातचीत शुरू करने और एनडीए में नई जान फूंकने के लिए अपने मौजूदा सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए वापस आ गई है। महाराष्ट्र के सीएम के नेतृत्व वाली पार्टी के अलावा, बैठक में भाग लेने वाले एनडीए सहयोगियों में बिहार के कई छोटे दलों के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई सत्तारूढ़ सहयोगी भी शामिल हैं। इनमें चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी (रामविलास), उपेन्द्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, संजय निषाद की निषाद पार्टी (सभी बिहार से), अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (सोनेलाल)

हरियाणा की जेजेपी, पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जनसेना, आंध्र प्रदेश की एआईएडीएमके, झारखंड से ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू), मेघालय से कॉनराड संगमा की एनसीपी, नागालैंड से एनडीपीपी, सिक्किम से एसकेएफ, ज़ोरमथांगा की मिज़ो नेशनल फ्रंट और असम से ए.जी.पी. इस बैठक में शामिल होगी। एनडीए के मौजूदा दलों में बीजेपी के अलावा शिवसेना, एआईएडीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी मेघालय, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, आईएमकेएमके, आजसू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनील कांग्रेस

आईटीएफटी त्रिपुरा, बीपीपी, पीएमके, एमजीपी, अपना दल, निषाद पार्टी, पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, असम गण परिषद, यूपीपीएल, पुड्डेचेरी की एआईआरएसी और निषाद पार्टी शामिल हैं। इनके अलावा अब कुछ नए दल एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र से नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी अजीत पवार), बिहार से चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, मुकेश सहनी की वीआईपी, उत्तर प्रदेश से ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और आंध्र प्रदेश से पवन कल्याण की जनसेना शामिल हैं।

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