लोकसभा चुनाव 2024 जीतने की कवायद शुरू – महंगाई नियंत्रित करने गेहूं चावल के बाद अब प्याज पर 31 मार्च 2024 तक निर्यात प्रतिबंध
भारत में महंगाई पर अंकुश लगानें गेहूं, चावल, प्याज पर निर्यात पाबंदी सहित गेहूं भंडारण सीमा आधी करना समय की मांग – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक देशों में वैसे तो जनता द्वारा चुनी सरकारो की मालिक जनता ही होती है। परंतु हमारे मतों से चुने प्रतिनिधियों को कुर्सी मिलने के बाद मामला कुछ और ही हो जाता है, जो 5 साल तक ऐसे ही चलते रहता है, फिर जब वापस चुनाव में चार छह महीने बचते हैं तो फिर जनता ही मालिक है की बात आती है। अनेक योजनाएं बनती है, महंगाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है और उसे कम करने के लिए सख़्ती से अनेक योजनाएं बनती है निर्यात प्रतिबंध लगाते हैं। भंडारण की सीमा निचले स्तर तक की जाती है, पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि बिल्कुल नहीं होती, नेताजी अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में सक्रिय हो जाते हैं और फिर बुजुर्गों द्वारा कही बात सच नजर आती है कि चुनाव की तैयारी, महंगाई पर चली आरी, मतदाता सहित आम जनता की बाग बहारी!
चूंकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम दिनांक 03 दिसंबर 2023 को आ गए और अब एक-दो दिन में वहां सरकारे भी बन जाएगी जिसकी तैयारी और प्रक्रिया तेजी से शुरू है। फिर पूरा राजनीति का महकमा लोकसभा चुनाव 2024 में व्यस्त हो जाएगा, तो मेरा मानना है कि अप्रैल मई 2024 माह में चुनाव होने की संभावना है, क्योंकि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है। पिछले लोकसभा का चुनाव अप्रैल मई 2019 को हुआ था चूंकि अब लोकसभा चुनाव 2024 जीतने की कवायद शुरू हो गई है, इसलिए आज हम मीडिया उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे लोकसभा चुनाव की तैयारी, महंगाई पर चली आरी, मतदाता सहित आम जनता की बाग बहारी।
साथियों बात अगर हम गेहूं गैर बासमती चावल के बाद अब 31 मार्च 2024 तक प्याज निर्यात प्रतिबंध की करें तो देश में लोकसभा चुनाव से पहले महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्याज की अखिल भारतीय दैनिक औसत क़ीमत गुरुवार को 57.11 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो सालभर पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है। देश में प्याज की बढ़ती मांग और बढ़ती कीमतों के चलते सरकार ने यह फैसला किया है। बता दें कि फिलहाल यह प्रतिबंध अगले साल मार्च तक लगाया गया है। विदेशी व्यापार के डायरेक्टोरेट जनरल की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध शुक्रवार से लागू होने के बाद तीन शर्तों पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है, इसके अलावा प्याज की खेप को निम्नलिखित तीन शर्तों में से किसी एक को पूरा करने पर निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी- (I) जहां इस अधिसूचना से पहले जहाज पर प्याज का लोडिंग शुरू हो गया हो; (ii ) जहां शिपिंग बिल दाखिल किया गया है और जहाज प्याज की लोडिंग के लिए पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं और उनका रोटेशन नंबर इस अधिसूचना से पहले आवंटित किया गया है; ऐसे जहाजों में लोडिंग की मंजूरी अधिसूचना से पहले प्याज की लोडिंग के लिए जहाज की एंकरिंग/बर्थिंग के संबंध में संबंधित बंदरगाह अधिकारियों द्वारा पुष्टि के बाद ही जारी की जाएगी; और (iii) जहां प्याज की खेप इस अधिसूचना से पहले कस्टम को सौंप दी गई है और उनके सिस्टम में पंजीकृत है/जहां प्याज की खेप इस अधिसूचना से पहले निर्यात के लिए कस्टम स्टेशन में प्रवेश कर चुकी है और कस्टम स्टेशन के संबंधित संरक्षक के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पंजीकृत है इस अधिसूचना के जारी होने से पहले इन वस्तुओं के कस्टम स्टेशन में प्रवेश करने की तारीख और समय की मुहर का सत्यापन योग्य साक्ष्य निर्यात की अवधि 5 जनवरी, 2024 तक होगी।
इसमें आगे कहा गया है, भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी सरकार के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर भी प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। प्याज की अखिल भारतीय दैनिक औसत कीमत गुरुवार को 57.11 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई, जो एक साल पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है। गुरुवार को केंद्र ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज से इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2023-24 (नवंबर-दिसंबर) में तत्काल प्रभाव से इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या चीनी सिरप का उपयोग नही, करने को कहा। इससे पहले सरकार ने गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
साथियों बात अगर हम दिनांक 8 दिसंबर 2023 को जारी थोक व फुटकर गेहूं व्यापारियों पर स्टॉक प्रबंध आधा करने की करें तो, घरेलू प्रभाग में जमाखोरी रोकने एवं सटोरिया प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने 12 जून 2023 को गेहूं पर भंडारण सीमा का आदेश लागू किया था और इसकी समय सीमा 31 मार्च 2024 तक निर्धारित की थी। यह स्टॉक लीमिट आर्डर देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में समान रूप से लागू हुआ था। अब केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने स्टॉक सीमा की समीक्षा करने के बाद सभी संवर्गों के लिए गेहूं की निर्यात मात्रा में कटौती कर दी है ताकि खुले बाजार में इसकी उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हो सके। केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने स्टॉक सीमा की समीक्षा करने के बाद सभी संवर्गों के लिए गेहूं की निर्यात मात्रा में कटौती कर दी है ताकि खुले बाजार में इसकी उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हो सके। नए समीक्षित नियम के अनुसार व्यापारियों/स्टॉकिस्टों के लिए गेहूं की भंडारण सीमा (मात्रा) को 2000 टन से घटकर 1000 टन, रिटेलर्स के लिए प्रत्येक रिटेल आउटलेट हेतु 10 टन से घटाकर 5 टन तथा बिग चेन रिटेलर्स के लिए प्रत्येक आउटलेट हेतु 10 टन से घटाकर 5 टन एवं उसके सभी डिपो पर कुल मिलाकर 2000 टन से घटाकर 1000 टन नियत किया गया है।
घरेलू प्रभाग में जमाखोरी रोकने एवं सटोरिया प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने 12 जून 2023 को गेहूं पर भंडारण सीमा का आदेश लागू किया था और इसकी समय सीमा 31 मार्च 2024 तक निर्धारित की थी।यह स्टॉक लीमिट आर्डर देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में समान रूप से लागू हुआ था। अब केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने स्टॉक सीमा की समीक्षा करने के बाद सभी संवर्गों के लिए गेहूं की निर्यात मात्रा में कटौती कर दी है ताकि खुले बाजार में इसकी उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हो सके। मंत्रालय ने कहा है कि सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं भंडार सीमा पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और प्रत्येक शुक्रवार को भंडार की स्थिति अपडेट करनी होगी। जो भंडारण संस्थाएं इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराएंगी अथवा भंडारण सीमा का उल्लंघन करेंगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, गेहूं के मूल्यों पर नियंत्रण रखने और इसकी उपलब्धता को सुनिश्चित बनाने पर नजर रखे हुए हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोकसभा चुनाव की तैयारी – महंगाई पर चली आरी – मतदाताओं सहित आम जनता की बाग बहारी। लोकसभा चुनाव 2024 जीतने की कवायद शुरू – महंगाई नियंत्रित करने गेहूं चावल के बाद अब प्याज पर 31 मार्च 2024 तक निर्यात प्रतिबंध। भारत में महंगाई पर अंकुश लगानें गेहूं चावल प्याज पर निर्यात पाबंदी सहित गेहूं भंडारण सीमा आधी करना समय की मांग।
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